एसजेवीएन ने नवीकरणीय परियोजनाओं को निष्‍पादित करने के लिए नई अधीनस्‍थ कंपनी – एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का गठन

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शिमला। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने आज बताया कि नई और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से तेजी से क्षमता वृद्धि के विजन को जीवंत करने के लिए एसजेवीएन ने एक पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी \’एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड\’ (एसजीईएल) का गठन किया है।

नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत कराया कि अधीनस्‍थ कंपनी सौर पार्क, पवन और हाइब्रिड परियोजनाओं, बैटरी एनर्जी स्‍टोरेज सिस्‍टम, बायोमास, लघु जलविद्युत (आरई) और ग्रीन हाइड्रोजन आधारित नवीकरण स्रोतों से विद्युत उत्पादन के कार्यक्षेत्र में कार्य करेगी।

नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि, “50 करोड़ रुपए की प्राधिकृत और प्रदत्‍त पूंजी के साथ, एसजीईएल देश भर में नवीकरण परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एसजेवीएन के साथ स्‍पेशल पर्पज व्‍हीकल के रूप में कार्य करेगी। एसजीईएल का समावेश भारत सरकार के वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन संसाधनों से 500 गीगावाट क्षमता वृद्धि के लक्ष्य को साकार करने में योगदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहरता है।\”

एसजीईएल का गठन नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के निर्देशों और भारत सरकार के कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुमोदन की अनुपालना के पश्चात किया गया है। अधीनस्‍थ कंपनी का पंजीकृत कार्यालय शिमला, हिमाचल प्रदेश में होगा।

नेपाल में 900 मेगावाट अरुण -3 परियोजना और संबंधित ट्रांसमिशन सिस्टम के कार्यान्वयन के लिए एसजेवीएन अरुण -3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी); और बिहार में 1320 मेगावाट बक्सर ताप विद्युत परियोजना के निष्पादन के लिए एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल) नामक दो अन्य अधीनस्‍थ कंपनियों के सफलतापूर्वक प्रचालन के पश्‍चात एसजेवीएन के लिए यह एक और माईलस्‍टोन है।

प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी की वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा से भारत की 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की प्रतिबद्धता की पृष्ठभूमि में भारत सरकार पहले से ही देश में नवीकरणीय स्रोतों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व और केंद्रीय विद्युत मंत्री आर. के. सिंह के मार्गदर्शन में एसजेवीएन इस विजन को आगे बढ़ाने के लिए अपने पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण क्षमता की वृद्धि कर रहा है। वर्तमान में, एसजेवीएन के पास भारत के नौ राज्यों के अतिरिक्‍त दो पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में उपस्थिति के साथ 16900 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है। हाइड्रो, थर्मल, विंड और सोलर के माध्यम से विद्युत उत्‍पादन करने के अलावा, एसजेवीएन ने पावर ट्रांसमिशन और पावर ट्रेडिंग में भी विविधता और व्‍यवसाय किया है।
अधीनस्‍थ कंपनी एसजीईएल शीघ्रता से अपने व्यवसाय प्रचालन का प्रारंभ करेगी और एसजेवीएन की क्षमता वृद्धि में तीव्रता से योगदान करेगी। यह ग्रीन ऊर्जा पोर्टफोलियो वृद्धि एसजेवीएन के वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के नए साझा विजन को प्राप्त करने में सहायता करेगी।

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