बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत जिला कुल्लू में 1 करोड़ 10 लाख व्यय

5 हजार 914 बालिकाओं को लाभान्वित कर अनमोल योजना को किया सार्थक
मुख्यमंत्री कन्यादान तथा शगुन योजनाएं भी बन रहीं बेसहारा का सहारा
आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 34 हजार बच्चों तथा 5 हजार 866 धात्री व गर्भवती महिलाओं का डेटा रहेगा ऑनलाईन

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कुल्लू  । जिला कुल्लू में समेकित बाल विकास सेवाएं कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित की जा रही विभिन्न प्रकार की जन कल्याणकारी योजनाएं गरीब व असहाय वर्ग की महिलाओं तथा बच्चियों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। बेटी है अनमोल योजना ने अपने नाम के अनुरूप अपनी सार्थकता को सिद्ध किया है। जिला कुल्लू में योजना के अंतर्गत दिसम्बर, 2017 से अब तक प्रथम घटक में 749 बालिकाओं तथा द्वितीय घटक में 5 हजार 165 बालिकाओं पर 1 करोड़ 10 लाख 28 हजार 352 रूपए व्यय कर लाभान्वित किया गया है। योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों में जन्मी दो बेटियों तक 21 हजार रूपए प्रति बालिका एकमुश्त जन्म उपरांत राशि के रूप में अनुदान दिया जा रहा है। इस राशि को बालिका के नाम बैंक या डाकघर में जमा करवाया जाता है।
इसी प्रकार जिला में मुख्यमंत्री कन्यादन योजना के तहत निर्धन परविारों में जन्मी लड़कियों को विवाह हेतु 51 हजार रूपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। दिसम्बर, 2017 से अब तक इस योजना के अंतर्गत 266 निर्धन परिवारों में जन्मी लड़कियों के विवाह हेतु 1 करोड़ 17 लाख 97 हजार रूपए व्यय कर लाभ पहुंचाया गया है। इसके साथ ही महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण स्तर में सुधार के लिए 1061 आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा 34 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रें के माध्यम से बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पूरक पोषाहार प्रदान किया जा रहा है। शाला पूर्व शिक्षा के अंतर्गत 3 से 6 वर्ष के कुल 8 हजार 854 बच्चे नामजद किए गए हैैंं जिन्हें अनौपचारिक स्कूल पूर्व शिक्षा प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत जिला कुल्लू में बीपीएल परिवारों में जन्मी लड़कियों को विवाह हेतु 31 हजार रूपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक इस योजना के अंतर्गत 118 बीपीएल परिवारों में जन्मी लड़कियों के विवाह हेतु 36 लाख 58 हजार रूपए व्यय कर लाभान्वित किया गया है।
जिला कुल्लू में विधवा पुनर्विवाह योजना के अंतर्गत विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए विधवा/ दम्पत्ति  को 50 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। दिसम्बर, 2017 से इस योजना के तहत अब तक जिला कुल्लू में 18 मामले स्वीकृत हुए हैं जिन पर 9 लाख रूपए व्यय किय गए हैं। इसी प्रकार स्वयं रोजगार योजना के अंतर्गत बेरोजगार ग्रामीण महिलाओं को स्वयं रोजगार हेतु 5 हजार रूपए की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान किया गया है। दिसम्बर, 2017 से अब तक  जिला कुल्लू में योजना के तहत 111 मामले स्वीकृत  हुए हैं जिन पर 5 लाख 55 हजार रूपए व्यय किए गए हैं। इसी प्रकार मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के अंतर्गत निःसहाय महिलाों को दो बच्चों के पालन-पोषण के लिए 6 हजार रूप्ए प्रति वर्ष प्रति बच्चा प्रदान किया जा रहा हैं। 2017 से अब तक इस योजना के अंतर्गत जिला में 1 करोड़ 88 लाख 3 हजार 974  रूपए व्यय कर 3 हहजार 934  महिलाएं एवं 6 हजार 153 बच्चों को लाभान्वित किया गया है।
सशक्त महिला योजना के तहत महिलाओं को पंचायत स्तर पर संगठित करके उन्हें उनके अधिकारों के प्रति  जागरूक करने, सरकार  द्वारा महिलाओं  के उत्थान  के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्रदकान करने व उन्हें कौशल विकास  प्रशिक्षण प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने के उददेश्य से जिला कुल्लू में 239 सशक्त महिला केन्द्रों का गठन किया गया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रसव पूर्व- एवं प्रसव उपरांत उनकी कमाई में होने वाली कमी की प्रतिपूर्ति एवं उनके अतिरिक्त पोषण हेतु प्रत्येक लाभार्थी महिला को 5 हजार रूपए प्रदान किए जा रहे हैं। योजना के तहत प्रत्येक गर्भवती महिला ( जो सरकारी नौकरी न करती हो) को केवल अपने प्रथम गर्भ/ बच्चे के लिए सरकार द्वारा 5 हजार मातृत्व सहयोग राशि तीन किश्तों में प्रदान की जाती है, जिसमें प्रथम किश्त 1 हजार रूपए गर्भ पंजीकरण पर, द्वितीय किश्त 2 हजार रूपए गर्भ के छः माह प्रसव पूर्व जांच करवाने पर व तृतीय किश्त 2 हजार रूपए जन्मे बच्चे के प्रथम टीकाकरण चक्र के पूर्ण होने उपरांत महिला को दी जाती है।  दिसम्बर 2017 से अब तक 12 हजार 661 महिलाओं को 5 करोड़ 66 लाख 87 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई है।
जिला कुल्लू में एसएजी योजना वर्तमान में 11 से 14 वर्ष की आउट ऑफ स्कूल किशोरियों के लिए संचालित की जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किशोरियों की स्वास्थ्य, पोषण व कौशल प्रशिक्षण सम्बंधी जरूरतों को पूरा करना व बाल विवाह को रोकना है। योजना के तहत विभिन्न प्रशिक्षण शिविर व जागरूकता श्विरिों का आयोजन किया जाता है। अप्रैल माह से कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत  किशोरियों को टेक होम राशन देकर लाभान्वित किया जा रहा है। 16 किशोरियों को आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पूरक पोषाहार दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री बाल उद्धार योजना व समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत जिला कुल्लू में  किशोर न्याय अधिनियम में पंजीकृत जिला में संचालित 3 बाल/ बालिका आश्रमों में 93 बच्चों को निःशुल्क रहने, खाने-पीने व शिक्षा का प्रावधान किया गया है। हिमाचल प्रदेश बाल/ बालिका सुरक्षा योजना  एवं फॉस्टर केयर कार्यक्रम के तहत अनाथ व असहाय बच्चों के पालन-पोषण हेतु अभिभावकों को 2 हजार रूपए प्रति बच्चा प्रति माह तथा बच्चों को 500 रूपए प्रति माह प्रति लाभार्थी की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

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