कुल्लू। प्रदेश सरकार ने राज्य के 10 हजार स्वयं सहायता समूहों को 25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त चक्रिय राशि अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया है। कुल्लू जिला में 700 स्वयं सहायता समूह इस राशि को प्राप्त करने के लिये पात्र हैं। यह जानकारी उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने जिला परिषद सभागार में ग्रामीण विकास अभिकरण के कार्यकलापों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को वर्तमान में 15000 रुपये की चक्रिय राशि का प्रावधान है और जिला के अधिकांश स्वयं सहायता समूहों ने यह राशि पहले ही प्राप्त कर ली है। अब 700 स्वयं सहायता समूहों 25 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि प्राप्त करने के लिये पात्र हैं और यह राशि पहले प्राप्त की गई 15 हजार रुपये की राशि से अलग है।
उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण संगठन के तहत स्वयं सहायता समूहों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ऋण पर केवल चार प्रतिशत ब्याज वसूल किया जा रहा है जबकि तीन प्रतिशत ब्याज प्रदेश सरकार वहन करती है। ब्याज की तीन प्रतिशत की राशि त्रैमासिक आधार पर बाद में प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि जिला में कुल 2611 स्वयं सहायता समूह हैं। बीते साल 300 स्वयं सहायता समूहों को 4.10 करोड़ के ऋण उपलब्ध करवाने का लक्ष्य था। उन्होंने कहा कि सभी स्वयं सहायता समूहों को बीमा छत्र प्रदान किया जाएगा। इसके लिये बीमा का प्रथम साल की प्रीमियम 342 रुपये का प्रदेश सरकार इनके बैंक खाता में डालेगी। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से अपनी आर्थिकी को मजबूत करने के लिये कोई न कोई उद्यम स्थापित करने के लिये आगे आने को कहा।
बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला में मनरेगा के तहत कुल 99054 जॉब कार्ड धारक हैं जिनमें से बीते वित्त वर्ष के दौरान कुल 5459 परिवारों को जॉब प्रदान करके 29 लाख श्रम दिवस अर्जित किये गये। ई. श्रम पोर्टल में 25553 कामगार पंजीकृत हैं। 123852 कामगार सक्रिय हैं। मनरेगा के तहत कृषि क्षेत्र में बीते साल 5191.32 लाख रुपये खर्च किये गए।। मनरेगा में मजदूरी तथा सामग्री का अनुपात 58 व 42 रहा। पंचवटी योजना के तहत जिला में 9 पंचवटियों का कार्य चला है और 25 लाख खर्च किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के तहत 1173 स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किये जिनमें से 1075 के स्वीकृत करके 633 लाख रुपये की राशि व्यय की गई।
मुख्यमंत्री ग्रामीण मुरम्मत योजना के तहत 65 कार्य स्वीकृत किये गए जिनमें से 57 को पूरा किया गया तथा 136 लाख रुपये खर्च किये गए। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत बीते साल 29 घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया जिनके कार्य चले हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 94 मकानों के निर्माण का लक्ष्य हैं और अभी कोई भी पूरा निर्माण नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री हेल्पलाईन के तहत 351 शिकायतों में से 321 का समाधान किया गया है और 35 लंबित हैं जिनपर कारवाई जारी है।
उपायुक्त ने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों से अपने-अपने विकास खण्ड में कम से कम एक पंचायत में डोर-टू-डोर प्लास्टिक एकत्रीकरण सुनिश्चित बनाने को कहा। इसके लिये धनराशि की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाएगी। उन्होंने कहा कि निरमण्ड की ग्राम पंचायत खरगा तथा कुल्लू की ग्राम पंचायत कसोल में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाई के निर्माण की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि पंचायतों में जहां पर भी खुले में कचरे की डम्पिग है, उसका तुरंत वैज्ञानिक निष्पादन किया जाना चाहिए। उप नगरीय पंचायतों में कचरा प्रबंधन इकाईयों की स्थापना करना जरूरी है। उपायुक्त ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्धारित सभी लक्ष्यों को जल्द पूरा करने तथा वर्तमान वित्त वर्ष के लक्ष्यों पर अभी से कार्य करने को कहा।
आशुतोष गर्ग ने कहा कि 15वें वित्तायोग की राशि का 50 प्रतिशत आगामी 31 मई तक व्यय करने का प्रदेश सरकार ने लक्ष्य दिया है और सभी हितधारकों को इसपर प्राथमिकता के आधार पर काम करने की जरूरत है।
परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सुरजीत ठाकुर ने एजेण्डा प्रस्तुत किया।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी प्रशांत सरकैक, समस्त खण्ड विकास अधिकारी व अन्य हितधारकों ने बैठक मंे भाग लिया।