बीते तीन सालों में केंद्र से आवंटित धनराशि व्यय करना सरकार ने किया सुनिश्चित
बीते तीन सालों में प्रदेश को आवंटित कुल बजट की 99 फीसदी राशि हुई व्यय
आनी। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन को लागू करने में हिमाचल प्रदेश सरकार बीते तीन सालों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुआई वाली प्रदेश सरकार हर घर को नल से जल देने के लिए योजना पर चरणबद्ध तरीके और तत्परता से कार्य कर रही है। इसी का नतीजा है कि योजना पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रदेश सरकार को योजना पर सराहना और वर्ष 2021 में भौतिक और वित्तीय प्रगति तथा निधि उपयोग की बेहतर क्षमता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए हिमाचल प्रदेश को सर्वाधिक 221.28 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त हुई है।
योजना लागू होने के बाद बीते तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें तो योजना के तहत कुल आवंटित राशि में से करीब 99 फीसदी राशि योजना के तहत व्यय की जा चुकी है। वर्ष 2019–20 में योजना के तहत 20994.77 लाख रुपए जल शक्ति विभाग विभाग को आबंटित हुए। इसमें से 20903.37लाख रुपए योजना के तहत लोगों को घर घर नल से जल पहुंचाने के लिए व्यय किए गए। इसी तरह वर्ष 2020–21 में 36254.52 लाख रुपए योजना के तहत आबंटित हुए और इस राशि में से 36228.09 लाख रुपए व्यय हुए।
इसी तरह वित्त वर्ष 2021–22 में फरवरी 2022 तक 120209.16 लाख रुपए योजना को सिरे चढ़ाने के लिए आवंटित हुए। वहीं इस राशि में से 118112.06 लाख रुपये व्यय किए गए। फरवरी 2022 तक कुल आवंटित 177458.45 लाख रुपए में से 175243.52 लाख रुपए अभी तक योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए व्यय किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार के उचित दिशा निर्देशों के पश्चात जल शक्ति विभाग के उचित प्रबंधन के चलते ये संभव हो पाया है कि आवंटित धनराशि का करीब 99 फीसदी बजट योजना को सिरे चढ़ाने के लिए व्यय हो चुका है। जल जीवन मिशन के तहत अब आवेदन के लिए 43043.38 लाख रुपए की राशि की शेष है।
1 फरवरी 2022 तक प्रदेश को 220501.83 लाख रुपए की धनराशि प्राप्त हो चुकी है।
कुल्लू जिला की बात करें तो जल शक्ति विभाग के कुल्लू वृत में कुल्लू न.1 कुल्लू में 488.68 लाख रुपए में से 445.65 लाख रुपए, कुल्लू नं.2 कुल्लू में 944.52 लाख रुपए में से 943.21 लाख रुपए, कुल्लू न.1 मनाली में 1106.22 लाख रुपए में से 1067.97 लाख रुपए, कुल्लू न.2 बंजार में 1416.79 लाख रुपए में से 1414.83 लाख रुपए, आनी को आवंटित 1744.73 लाख रुपए में से 1687.96 लाख रुपए और केलंग को आवंटित 333.03 लाख रुपए में से 146.52 लाख रुपए योजना के तहत व्यय हो चुके हैं।
आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकारी की इस योजना के तहत आवंटित धनराशि का अधिकतर हिस्सा योजना पर कुशलतापूर्वक व्यय किया जा रहा है ताकि योजना के तहत हर घर को नल पहुंचाने का केंद्र सरकार का सपना साकार हो सके। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सपने को साकार करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। हर घर को नल से जल का लक्ष्य आगामी कुछ समय में ही प्रदेश सरकार द्वारा हासिल करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार जल जीवन मिशन के अंतर्गत न केवल हर घर तक पानी पहुंचाने बल्कि जल संरक्षण एवं संग्रहण जैसी योजनाओं पर भी कार्य कर रही है, ताकि अधिक उपयोग के कारण भूमि के लगातार कम होते जल स्तर को फिर से रिचार्ज किया जा सके
राष्ट्रीय लक्ष्य से पहले पूरा होगा टारगेट
केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत साल 2024 तक हर घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन हिमाचल सरकार ने जुलाई 2022 तक राज्य के हर घर में नल से जल देने का लक्ष्य रखा है हिमाचल में 14.5 लाख घरों में नल लगाए जा चुके हैं। कुल करीब 17 लाख घरों में नल लगाए जाने हैं, जिनके माध्यम से स्वच्छ जल उपलब्ध करवाया जाएगा। इस दिशा में प्रयास लगातार जारी है।
क्या है जल जीवन मिशन योजना
-15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरु किया था जल जीवन मिशन
-सभी नागरिकों को स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य
-वर्ष 2024 तक देश के हर परिवार को मिलेगी पानी की सुविधा
-शहर के साथ गांव तक हर घर नल से जल देने की मुहिम
-गांवों में आंगनबाड़ी, स्कूल, ग्राम पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्र तक नल कनेक्शन
-पानी की गुणवत्ता का भी रखा जाएगा ध्यान
-मीलों पैदल चलकर जल लाने की दिक्कतें होंगी दूर
-टैंकर से पानी की निर्भरता कम होगी
-जल संरक्षण और स्थानीय जल स्रोतों का विकास