शिमला। सतलुज जल विद्युत निगम ने अगले 3 वर्ष में पूरे देश सहित नेपाल व भूटान में 5000 मेगावाट के बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। एसजेवीएन का वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाट कंपनी और 2040 तक 25000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य है। एसजेवीएन के अध्यक्ष नंदलाल शर्मा ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि एसजेवीएन मौजूदा समय में 9 जलविद्युत परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इन परियोजनाओं में कुछ परियोजनाओं हिमाचल व कुछ देश के विभिन्न राज्यों में है। इनमें 900 मेगा वाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना है। जिसमें 3924 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा 600 मेगा वाट खालोंगनचू जल विद्युत परियोजना में 2569 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन किया जाना है। 60 मेगा वाट नैटवाड मोरी जल विद्युत परियोजना पर एसजेवीएन काम कर रही है। नंदलाल शर्मा ने बताया कि यह परियोजना उत्तरकाशी में यमुना नदी पर स्थित है जिसमें 265.5 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पादन संभावित है, इसके अतिरिक्त 1320 मेगावाट बक्सर ताप विद्युत परियोजना यह परियोजना बिहार में है। 100 मेगावाट धोलेरा सौर पार्क पर कार्य कर रही है। यह परियोजना गुजरात में चल रही है और यह सौर संयंत्र मार्च 2022 तक चालू होने की उम्मीद है । इसके अतिरिक्त 66 मेगावाट धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना 2010 मेगावाट लूहरी stage-1 जल विद्युत परियोजना परियोजना में अभी हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने एसजेवीएन की 210 मेगावाट लूहरी stage-1 जल विद्युत परियोजना के लिए 1810.56 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी है वही परियोजना के तहत नेपाल में 217 किलोमीटर पारेष लाइन और भारतीय हिस्से में 86 किलोमीटर लाइन युक्त बनाने का प्रोजेक्ट शामिल है। उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्र में पार्क बनाने की योजना तैयार कर रहा है इसके लिए यह सरकार से बात चल रही है।

उन्होंने कहा कि एसजेवीएन कंपनी हिमाचल के बाद देश में एक उभरती कंपनी बनती जा रही है और विद्युत उत्पादन में रिकॉर्ड कार्य कर रही है। 33 वर्षों से बिजली उत्पादन में कार्य कर रही कंपनी की वर्तमान में पूंजी 3929.80 करोड़ पहुंच गई है, जबकि अधिकृत पूंजी 7 हजार करोड़ रुपये है। नंदलाल शर्मा ने कहा कि वर्तमान नेटवर्क 11759.31 करोड़ रुपये है। एसजेसीवीएन वर्ष 2004-05 से निरंतर अपने शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान कर रहा है। उन्होंने बताया कि अपने शेयरधारकों को 7553.5 करोड़ रुपए का लाभांश अदा किया है, जिसमें भारत को 4931.80 करोड रुपए का भुगतान और हिमाचल सरकार को 4943.99 करोड़ रु का भुगतान और पब्लिक को 677.26 करोड़ रुपये का भुगतान शामिल है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि करोना जब सब कुछ बंद था उस समय भी कंपनी ने पानी की वेस्टेज नही होने दी और बिजली उत्पादन को बढ़ावा दिया ।