शिमला। पुलिस विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा नियमों के अन्तर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए 15 अगस्त, 2022 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बन्दियों के अच्छे आचरण एवं व्यवहार पर प्रदेश की विभिन्न कारागारों में सजा काट रहे कैदियों को विशेष मुआफी की घोषणा की है।
उन्होंने बताया कि आजीवन कारावास से दण्डादिष्ट कैदियों को सम्मिलित करते हुए ऐसे कैदियों को जिन्होंने 10 वर्ष से अधिक के कारावास से दण्डादिष्ट किया गया है, को 3 महीने, पांच वर्ष से अधिक और दस वर्ष तक के कारावास से दण्डादिष्ट कैदी को 2 महीने, तीन वर्ष से अधिक और पांच वर्ष तक के कारावास से दण्डादिष्ट कैदी को 45 दिन, एक वर्ष से अधिक और पांच वर्ष तक के कारावास से दण्डादिष्ट कैदी को 30 दिन तथा तीन मास से अधिक और एक वर्ष तक के कारावास से दण्डादिष्ट कैदी को 15 दिन की विशेष मुआफी की घोषणा की है।
प्रवक्ता ने बताया कि सरकार द्वारा दी गई मुआफी से प्रदेश की विभिन्न कारागारों में बन्द 363 सजायाफता बन्दी लाभान्वित होंगे, जिसमें 1 बन्दी सजा पूरी होने के उपरान्त 15 अगस्त, 2022 को जेल से रिहा हो जाएगा।
इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव को कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। समारोह के हिस्से के रूप में कैदियों की कुछ श्रेणियों को विशेष माफी देने और उन्हें तीन चरणों-15 अगस्त 2022, 26 जनवरी, 2023 और पुनः 15 अगस्त, 2023 को रिहा करने का प्रस्ताव है।
प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में जिन पात्र बन्दियों ने अपनी 66 प्रतिशत सजा पूर्ण कर ली है उसमें से चार बन्दियों को रिहा किया जा रहा है। एक बन्दी जिसने अपनी कारावास की सजा पूर्ण ली है लेकिन वह अपनी जुर्माना राशि देने में असमर्थ है, उस बन्दी को भी रिहा किया जा रहा है। इस मुआफी से प्रदेश के विभिन्न कारागारों से प्रथम चरण में कुल पांच बन्दियों को छोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सजा माफी की योजना का उद्देश्य कैदियों में कारावास के दौरान अनुशासन और सदाचरण सुनिश्चित करना है व प्रोत्साहन के रूप में जेल से जल्दी रिहाई की संभावना का अवसर प्रदान करना है। इससे उन्हें अपराध के जीवन को छोड़ने और देश के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।