जय राम ठाकुर ने मुख्यमंत्री एक बीघा योजना का शुभारम्भ किया

\"\"

शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में अभिनव और महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री एक बीघा योजना’ का शुभारम्भ किया। इस योजना में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है। इस योजना केे तहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा (या 0.4 हेक्टेयर) तक की भूमि है, वह सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में 5,000 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 1.50 लाख महिलाएं शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी महिला को मनरेगा के तहत रोजगार पाने का अधिकार होगा। इसके अलावा महिलाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा पहाड़ी भूमि को समतल करने, पानी को चैनेलाइज़ करने, वर्मी कम्पोस्ट पिट स्थापित करने और पौधे और बीज खरीदने के लिए अनुदान दिया जाएगा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी ने योजनाकारों को विकासात्मक योजनाओं के बारे में पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है, ताकि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के साथ सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों के पुनरूत्थान के लिए ‘मुख्यमंत्री एक बीघा योजना’ आरम्भ की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरम्भ में इस योजना के तहत लगभग पांच हजार परिवार शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि संबंधित पंचायतें, प्रस्ताव प्राप्त करने के बाद उनको मनरेगा शैल्फ में शामिल करने के लिए खंड विकास अधिकारी को भेजेंगी।

उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन का अभिसरण कर ग्रामीणों को किचन गार्डनिंग के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी स्वयं सहायता समूह जो जाॅब कार्ड धारक हैं, वह इस योजना के तहत एक लाख रुपये का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत लगभग 1.50 लाख महिला सदस्य लाभान्वित होंगी।

जय राम ठाकुर ने महिला स्वयं सहायता समूहों से राज्य में कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य सरकार को सहयोग देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को देश के अन्य हिस्सों से आने वाले व्यक्तियों के अपने मूल स्थान पर आने पर उन पर नजर रखनी चाहिए, ताकि वह होम क्वारन्टीन का उल्लंघन न कर सकंे। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों से फेस मास्क तैयार करने और जरूरतमंदों को उनका वितरण करने के लिए आगे आने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर योजना का पोस्टर भी जारी किया

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में राज्य के 80 विकास खंडों के महिला स्वयं सहायता समूहों ने भाग लिया

ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस योजना से राज्य की ग्रामीण आर्थिकी में बदलाव आएगा और जमीनी स्तर पर महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण भी होगा।

सचिव ग्रामीण विकास डाॅ. आर.एन. बत्ता ने इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

निदेशक ग्रामीण विकास ललित जैन ने कहा कि इस योजना के तहत पात्र महिलाएं 40,000 रुपये का अनुदान पाने की हकदार होंगी और कंकरीट वर्मी कम्पोस्ट पिट बनाने के लिए 10,000 रुपये तक अनुदान दिया जाएगा।

लाहौल स्पीति जिले के रंगरिक रेवा स्वयं सहायता समूह की छेरिंग डोलमा, मंडी जिले के सिराज ब्लाॅक के रितिक स्वयं सहायता समूह की खेम दासी, ऊना जिला के बंगाणा ब्लाॅक के आस्था स्वयं सहायता समूह की संतोष कुमारी, मंडी जिला के धर्मपुर ब्लाॅक के कालसावी स्वयं सहायता समूह की बबली देवी, कुल्लू जिला के बजौरा के सरस्वती स्वयं सहायता समूह की सरिता देवी, शिमला जिला के बसंतपुर ब्लाॅक की आशा स्वयं सहायता समूह की राधा देवी, सोलन जिला के कंडाघाट ब्लाॅक के एकता स्वयं सहायता समूह की सुनीता, हमीरपुर जिला के भोरंज ब्लाॅक के ज्योति स्वयं सहायता समूह की रमा देवी और चम्बा जिला के भटियात ब्लाॅक के बाबा लखदाता स्वयं सहायता समूह की अनीता देवी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने विचार सांझा किए।

उन्होंने ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए इस नई योजना को आरम्भ करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *