शिमला शहर में अब बसों के लिए नया टाइम टेबल लागू,

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शिमला। नए टाइम टेबल के अनुसार स्टॉपेज पर बसे ज्यादा नहीं रुक पाएगी। जहां पर अभी 20 से 25 मिनट बसों को रोका जाता है, वहां पर अब ज्यादा देर से नहीं रुक सकेगी। सरकारी और प्राइवेट दोनों बस आपरेटरों के लिए इस तरह के नियम बनाए जाएंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यात्री को होगा। क्योंकि अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के लिए यात्रियों को अब ज्यादा समय नहीं लगेगा।अभी प्राइवेट और सरकारी बसें टालैंड, एमएलए क्रॉसिंग, बीसीएस, बाईपास, चक्कर, कच्चीघाटी, ढली और कुछ अन्य स्थानों में 20 से 25 मिनट सवारियों के इंतजार में रूकती है। अब नए टाइम टेबल के अनुसार ऐसा नहीं हो पाएगा। बीते दिनों बस प्राइवेट ऑपरेटरों एचआरटीसी प्रबंधन और परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच बैठक में इस तरह का निर्णय हुआ है। प्राइवेट बस ऑपरेटर और एचआरटीसी प्रबंधन में यह समझौता हुआ है कि वे अपनी अपनी टाइमिंग के अनुसार ही रूटों पर चलेंगे और किसी भी स्टॉपेज पर ज्यादा देर तक नहीं रुकेंगे।

इसलिए जरूरत पड़ी जॉइंट टाइम टेबल की
शिमला शहर के लोकल रूटों में लगभग 106 निजी 80 के करीब सरकारी बसें चल रही हंै। निगम की कई बसें दूर के उपनगर रूटों पर भी जाती हैं। ऐसे में इस रूट पर एकतरफा ही कमाई निगम की होती है। शहर में समरहिल, संजौली, लक्कड़ बाजार, पंथाघाटी, मैहली और बीसीएस के लिए निजी सरकारी दोनों बसें जाती हैं। इन बसों की टाइमिंग में सिर्फ एक या दो मिनट का अंतर होता है। आए दिन सरकारी बस के चालक परिचालक शिकायत करते हैं कि उनकी टाइमिंग के दौरान निजी बस चालक सवारियों को भर लेते हैं। बैठक में चर्चा की गई कि कौन से रूट के लिए सरकारी निजी बस को कौन सी टाइमिंग दी जाए।

मांग: ट्रिप व टाइम के आधार पर बनें फ्रीक्वेंसी
ज्वाइंट टाइम टेबल की बैठक में एचआरटीसी और प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने ट्रिप व टाइम के आधार पर फ्रीक्वेंसी तय करने की मांग की है। इसके अतिरिक्त बिना टाइम टेबल एचआरटीसी बसों के आगे-पीछे चल रही बसों के टाइम बदलने की भी मांग की गई है।
मैहली, मल्याणा, ढली की बसों के भी हो टाइम सेट
मैहली, मत्याणा व ढली की ओर चलने वाली बसों के संजौली व पंथाघाटी पहुंचने का टाइम सेट करने की मांग भी की गई है। इन रूटों पर बसों के संजौली व पंथाघाटी पहुंचने के टाइम तय नहीं है।जिसके कारण एक साथ बहुत सी बसें स्टॉपेज पर पहुंचने से कंपीटीशन बढ़ रहा है।

प्राइवेट ऑपरेटरों को चाहिए 1-4 की फ्रीक्वेंसी
ज्वाइंट टाइम टेबल की बैठक में प्राइवेट बस आपरेटर परिवहन विभाग से एक किलोमीटर के लिए चार मिनट की फ्रीक्वेंसी की मांग रखी है। यानी बसें एक किलोमीटर की दूरी चार मिनट में तय करेंगी और इस बीच कोई दूसरी बस ओवरटेक नहीं करेगी। इससे पहले कुछ बसों को तीन तो कुछ को चार मिनट की फ्रीक्वेंसी दे दी गई थी।
ओल्ड बस स्टैंड में सवारी चढ़ाने उतारने को 5 मिनट
प्राइवेट बस आपरेटर यूनियन ओल्ड बस स्टैंड में सवारियां चढ़ाने व उतारने के लिए पांच मिनट का समय ही मिलेगा। अभी तक बस स्टैंड पहुंचने और यहां रुकने के लिए कोई समय तय नहीं है। जिसके कारण बसों में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।

हम आपसी रजामंदी से शहर में बसों को चलाने के लिए नई टाइम टेबल के अनुसार चलने के लिए तैयार है। बैठक में निर्णय हो चुका है कि स्टॉपेज ऊपर ज्यादा देर तक बसे नहीं रुकेगी, ताकि यात्रियों को भी परेशानी ना हो और सभी बसों को एक समान सवारिया मिल सके। टाइम टेबल बनने के बाद यह तय हो जाएगा कि किस-किस बसों को कौन से रूट मिले हैं और उनकी टाइमिंग क्या है। ऐसे में यात्रियों को भी इसका सीधा फायदा होगा।
सुनील चौहान, महासचिव, शिमला निजी बस ऑपरेटर

टाइम टेबल के अनुसार ही अब बसे शहर में चलेगी। बैठक में इसका निर्णय लिया गया है। समय-समय पर बसों की चेकिंग भी की जाएगी। किसी भी तरह की लापरवाही पर कार्रवाई होगी। नई समय सारणी के अनुसार ही शहर में बसों का संचालन होगा।
दिलेराम, आरटीओ परिवहन विभाग, शिमला

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