हमीरपुर। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज हमीरपुर में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए व्यक्तिगत प्रयासों के साथ-साथ भावनात्मक जुड़ाव भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि सरकारें अपने स्तर पर काम करती हैं, लेकिन व्यक्तिगत प्रयासों से सरकारी योजनाओं और अभियानों के क्रियान्वयन में तेजी आती है। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत बनाने के प्रधानमंत्री के आह्वान को पूरा करने के लिए हर व्यक्ति को अपने-अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि इसके लिए वह स्वयं भी प्रयास कर रहे हैं और अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए उन्होंने प्रदेश के हर जिले का दौरा किया है। उन्होंने लोगों से टीबी से ग्रस्त कम से कम एक व्यक्ति की जिम्मेदारी लेने और उसे हरसंभव सहायता प्रदान करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में हिमाचल में प्रति लाख जनसंख्या पर टीबी रोगियों की संख्या 191 थी। वर्ष 2021 में राज्य में टीबी के कुल 14492 मामले थे। इनमें से 2.6 प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों में, 74 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में और 23.4 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में थे। उन्होंने कहा कि 24 सितंबर 2022 तक जिला हमीरपुर में टीबी के मरीजों की संख्या 442 है। इस अवसर पर राज्यपाल ने संबंधित अधिकारियों को नि-क्षय मित्र पंजीकरण की संख्या में सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दिशा में जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना भी की।
इस अवसर पर उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने राज्यपाल का स्वागत किया और टीबी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत जिला में चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।
बैठक में एडीएम जितेंद्र सांजटा, सहायक आयुक्त पवन कुमार शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. अग्निहोत्री, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।