शिमला। आई.जी.एम.सी के न्यूरोलॉजी विभाग ने ब्रेन स्ट्रोक वीक पर वीरवार को जागरूकता रैली का आयोजन किया। यह रैली आई.जी.एम.सी. परिसर से रिज मैदान तक निकाली गई। इसमें विभाग के डाक्टर व प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। इस दौरान लोगों को ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीक अस्पतालों में जाने की सलाह दी गई। जिन अस्पतालों में सीटी स्कैन की सुविधा है, वहां इसका ईलाज किया जाता है।
डॉक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि हर 6 सेकेंड में एक व्यक्ति ब्रेन स्टॉक हो जाता है उनका कहना था कि ब्रेन स्ट्रोक होने पर समय पर अस्पताल पहुंचा देना चाहिए जिससे मरीज का तुरंत इलाज किया जा सके उन्होंने कहा कि
जिला में 17 अस्पताल ऐसे है, जहां ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों का तुरंत ईलाज किया जाता है। डॉक्टर सुधीर शर्मा ने एचपी टेलिस्ट्रोक ऐप के बारे में भी बताया । लोग इस ऐप को डाऊनलोड कर सकते हैं और इस पर संबंधित कई जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। डा. सुधीर शर्मा ने कहा है कि यदि समय रहते ब्रेन स्ट्रोक का मरीज अस्पताल पहुंचाया जाता है, तो उसकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि मुंह का डेढ़ा होना, हाथ-बाजू कमजोर होने व सोचने -समझने में समस्या आना इसके लक्षण है। ऐसे लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत अस्पताल लाया जाना चाहिए। राज्य के मेडिकल कालेजों, जिला अस्पताल सहित कई अस्पतालों में इसका ईलाज किया जा रहा है। वहां ब्रेन स्ट्रोक की दवाईया उपलब्ध है। उन्होंने कहा है कि जिला के 17 अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक के ईलाज की सुविधा उपलब्ध है। उनका कहना था कि हिमाचल में 40 वर्ष की आयु तक के के 15 से 20 प्रतिशत लोग इसका शिकार होते है। छह सैंकेंड में एक मरीज ब्रेन स्ट्रोक के कारण अस्पताल पहुंचता है। उन्होंने कहा है कि 29 अक्तूबर को ब्रेन स्ट्रोक डे मनाया गया था। इसके बाद ब्रेन स्ट्रोक वीक मनाया जा रहा है। इसके तहत ही इस जागरूकता रैली का आयोजन किया गया है।