शिमला। नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने आज अवगत कराया कि राजस्थान के बीकानेर में भारत की सबसे बड़ी 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना हेतु वित्तीय क्लोजर सफलतापूर्वक हासिल कर लिया गया है। यह परियोजना एसजेवीएन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) द्वारा निष्पादित की जा रही है।
नन्द लाल शर्मा ने आगे बताया कि परियोजना को 80:20 के ऋण इक्विटी अनुपात से वित्तपोषित किया जा रहा है। भारत सरकार 447.20 करोड़ रुपए के वायबिलिटी गैप की फंडिंग करेगी। 4444.71 करोड़ रुपए के समग्र ऋण को इरेडा के साथ समझौता किया गया है।
नन्द लाल शर्मा ने आगे कहा कि इस परियोजना का इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) करार मैसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड को अवार्ड किया गया है। जनवरी, 2024 में कमीशनिंग होने के पश्चात यह अपने प्रचालन के प्रथम वर्ष में 2455 मिलियन यूनिट और परियोजना के संपूर्ण जीवनकाल के दौरान 56838 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन करेगा। 1000 मेगावाट की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना को एसजेवीएन ने 2.57 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ वाली सीपीएसयू योजना के तहत इरेडा से प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से हासिल की है।
ऋण समझौता हस्ताक्षर समारोह में नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन, प्रदीप कुमार दास, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, इरेडा, ए.के. सिंह, निदेशक (वित्त), एसजेवीएन, चिंतन शाह, निदेशक (तकनीकी), इरेडा एवं एसजेवीएन और इरेडा के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। ऋण समझौता एस.एल. शर्मा, सीईओ, एसजीईएल और प्रदीप्त कुमार रॉय, उप महाप्रबंधक, इरेडा द्वारा हस्ताक्षरित किया गया।
एक प्रमुख विद्युत सीपीएसई, एसजेवीएन, लगभग 45000 मेगावाट के कुल पोर्टफोलियो के साथ भारत के 15 राज्यों के साथ-साथ विदेशों में 72 जलविद्युत, सौर, पवन और ताप विद्युत परियोजनाओं का विकास कर रहा है। उल्लेखनीय वृद्धि की आकांक्षा रखते हुए एसजेवीएन ने वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट कंपनी होने का साझा विजन निर्धारित किया है।