असम मणिपुर और दिल्ली में सीपीएस अमानीय, सुप्रीम कोर्ट ने हटाए थे सीपीएस : जयराम

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शिमला। कांग्रेस सरकार के एक महीने के कार्यकाल पर विपक्ष ने निशाना साधा है और इस दौरान प्रदेश में अव्यवस्था फैलने के आरोप लगाए हैं। विपक्ष के नेता, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सत्ता नही व्यवस्था परिवर्तन के बयान पर सीएम को स्तिथि स्पष्ट करने को कहा है। उन्होंने सीएम से सवाल किया है कि जनता के हित में लिए गए फैसलों को पलट कर सरकार कौन सी व्यवस्था परिवर्तन करना चाह रही है?

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पूर्व में बीजेपी सरकार ने प्रतिशोध की की भावना से काम नहीं किया लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आते ही जनता के हित में लिए गए सभी फैसलों को पलटने का काम किया है। मंत्रिमंडल के गठन से पहले ही असंवैधानिक तरीके से कैबिनेट के फैसलों को बदलना सही नहीं है। कांग्रेस की सरकार बनते ही प्रदेश में दो बड़े सीमेंट उद्योग बंद हो गए। 1 महीने का समय बीतने के बाद भी सरकार समस्या का हल निकालने में विफल रही है जिससे हजारों लोग सड़कों पर आ गए हैं। मंत्रिमंडल पर नेता विपक्ष ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसमें जातिय व क्षेत्रीय असंतुलन है। सबसे बड़े जिला कांगड़ा ने सरकार बनाने में भूमिका अदा की लेकिन एक ही मंत्री इस जिले से मनाया गया। जयराम ठाकुर ने कहा कि एक ओर तो सरकार खर्चे कम करने की बात कर रही थी लेकिन अब छ मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए हैं और इसके साथ ही विधायक ना होने के बावजूद भी कुछ लोगों को कैबिनेट का दर्जा दिया गया हैं जिसकी कोई जरूरत नहीं थी। सीपीएस बनाने को लेकर असम व अन्य राज्यों में भी सरकार के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई जहां सीपीएस की नियुक्ति को कोर्ट ने अनुचित ठहराया। सीपीएस नियुक्ति पर प्रदेश में भी बीजेपी कानूनी सलाह ले रही है। प्रदेश सरकार द्वारा डीजल में वेट बढ़ाने के फैसले को उन्होंने जनता विरोधी बताया और कहा कि इससे प्रदेश की गरीब जनता पर महंगाई का बोझ पड़ेगा। यह सरकार देश की जनता के साथ छलावा कर रही है जनता इन्हें माफ नहीं करेगी।

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