करसोग। करसोग में आपदा की इस मुश्किल घड़ी में मल्टी टास्क वर्कर कीचड़ से भरी सड़कों को साफ कर जनता का रास्ता आसान कर रहे हैं, लेकिन सरकार को मुश्किल हालातों में खून पसीना बहाने वाले एमपीडब्ल्यू का दर्द दिखाई नहीं दे रहा है। यहां पीडब्ल्यूडी में कार्यरत मल्टी टास्क वर्करों को दो माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसको लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें मल्टी टास्क यूनियन ने सुखविंदर सिंह सरकार से नियमित तौर पर वेतन जारी करने मांग की है। ताकि महंगाई के इस दौर में एमपीडब्ल्यू घर परिवार का गुजारा चला सके।
126 मल्टी टास्क वर्कर:
करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन के तहत कुल 126 मल्टी टास्क वर्कर सेवाएं दे रहे हैं। इनकी नियुक्ति अगस्त 2022 में पूर्व जयराम सरकार के समय में हुई थी। लेकिन अब प्रदेश में राज बदलने के बाद से मल्टी टास्क वर्करों के खाते में नियमित तौर पर सैलरी नहीं डाली जा रही है। ऐसे में सैंकड़ों वर्करों की मुश्किलें बढ़ गई है।
4500 मासिक वेतन मिलता है:
पीडब्ल्यूडी में रखे गए मल्टी टास्क वर्कर को 4500 मासिक वेतन दिया जा रहा है। इन वर्करों से नियमित कर्मचारियों की तरह 8 घंटे सेवाएं ली जा रही है। ऐसे में मल्टी टास्क वर्कर को खून पसीना बहाने पर दिन में मात्र 150 मिलते हैं। वहीं प्रदेश सरकार में वित्त वर्ष 2023 -24 में 25 रुपए की वृद्धि कर न्यूनतम दिहाड़ी भी 375 रुपए कर दी है। ऐसे में प्रदेश भर में हजारों मल्टी टास्क वर्करों को न्यूनतम दिहाड़ी से प्रति दिन 225 रुपए कम मिल रहे हैं। जिससे महंगाई के दौर में मल्टी टास्क वर्करों को परिवार का गुजारा चलाना भी मुश्किल हो रहा हैं।
करसोग मल्टी टास्क वर्कर यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार का कहना है कि आपदा की इस घड़ी में मल्टी टास्क वर्कर मुश्किल हालतों में काम कर रहे हैं। इसके बाद भी नियमित तौर पर एमपीडब्ल्यू को वेतन नहीं मिल रहा हैं उन्होंने कहा की अभी तक दो महीने का वेतन खाते में नहीं डला है।
अधीक्षण अभियंता मंडी जोन अनिल शर्मा का कहना है कि मेरे संज्ञान में अभी तक वेतन जारी न होने का मामला नहीं था। उन्होंने किन कारणों एमपीडब्ल्यू को वेतन नही मिल रहा हैं इस बारे में रिपोर्ट लेकर जल्द बकाया का वेतन का भुगतान किया जाएगा।