हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय ने स्नातक स्तर के छात्रों को प्रमोट करने का फैसला

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शिमला। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने कॉलेजों में स्नातक की पढ़ाई करने वाले प्रथम और द्वितीय वर्ष के करीब 90 हजार विद्यार्थियों को प्रमोट करने को मंजूरी दे दी। वहीं कंपार्टमेंट वाले विद्यार्थी भी बिना परीक्षा दिए अगली कक्षा में बैठेंगे। प्रमोट विद्यार्थियों को अंक सुधार के लिए बाद में परीक्षा का मौका दिया जाएगा। इसके अलावा तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा करवाने की तैयारी की है। शनिवार को विश्वविद्यालय के कमेटी रूम में कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार की अध्यक्षता में कार्यकारी परिषद की बैठक हुई, जिसमें कई फैसले लिए गए। बैठक में फैसला लिया कि स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए गरीब विद्यार्थियों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।

परिषद ने गैर शिक्षकों की तबादला नीति को निरस्त कर दिया है। परिषद ने शिक्षक भर्ती के लिए बनी चयन समिति की सिफारिश को मंजूरी दी, जिसके तहत विभिन्न विभागोंऔर संस्थानों में 24 शिक्षकों का चयन और 2 को कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत पदोन्नति दी गई। परिषद ने एमबीबीएस/बीडीएस की आनलाइन काउंसलिंग के लिए करवाए टेंडर को स्वीकृति दी।

यह होगा विद्यार्थियों को प्रमोट करने का तरीका
जिन प्रमोट करने की मंजूरी दी गई है, उनमें रेगुलर के अलावा इक्डोल, लेट कॉलेज स्टूडेंट और कंपार्टमेंट वाले विद्यार्थी भी शामिल हैं। इन्हें पिछली कक्षा की परफार्मेंस, इंटरनल असेसमेंट में 50 -50 फीसदी अंकों का आकलन कर ग्रेड मिलेंगे। जिनके पिछले परिणाम नहीं होंगे, उन्हें इंटरनल असेसमेंट में से ही ग्रेड मिलेंगे।

यूजी प्रथम वर्ष के छात्रों का पिछली कक्षा का इवेल्यूएशन रिकॉर्ड न होने पर सौ फीसदी मूल्यांकन इंटरनल इवेल्यूएशन से होगा। प्रमोट किए जाने वाले इक्डोल के छात्रों की इंटरनल इवेल्यूएशन असाइनमेंट, पीसीपी में हाजिरी आदि से आकलन कर परीक्षा विंग को देंगे। लेट कॉलेज स्टूडेंट को प्रमोट करने के लिए पास सब्जेक्ट की औसत से मूल्यांकन किया जाएगा।

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