शिमला। देशभर में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई एकदिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर शिमला में भी देखने को मिला जहां बीएमएस को छोड़कर सभी ट्रेड यूनियन ने इस हड़ताल में भाग लिया। हड़ताल में दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने हिस्सा लिया।यूनियनो ने केंद्र सरकार पर सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में बेचने के आरोप लगाए।साथ ही मजदूर, किसान किसान विरोधी निर्णय लेने के सरकार पर आरोप जड़े।
हड़ताल में भाग ले रहे यूनियन के नेताओं के मुताबिक़ प्रदेश और केंद्र सरकार श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूरों के अधिकारों का हनन कर रही है। सरकारी संस्थाओं से लेकर निज़ी क्षेत्र में कर्मियों व मज़दूरों का शोषण किया जा रहा। निजीकरण के चलते कर्मियों को उचित वेतन नही दिया जा रहा है। प्रदेश में मिड डे मील वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर, आउटसोर्स कर्मियों सहित डेली वेज़ वर्कर को उनके काम के मुताबिक वेतन नही दिया जारहा है। केंद्र व राज्य सरकारें पूंजीपतियों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए गरीबों का शोषण कर रहीं हैं।
वहीँ ट्रेड यूनियनों की हड़ताल में निजी बस चालक परिचालक संघ ने भी हिस्सा लिया और प्रदेश में बस सेवा बंद रखी।निजी बस चालक परिचालक संघ के प्रधान रूप लाल ठाकुर ने बताया कि 14 घंटे काम करने के बावजूद भी उनको वेतन कम दिया जाता है और किसी भी तरह का बीमा उनका नहीं होता है और अन्य मेडिकल सुविधा भी नहीं मिलती है।इसलिए आज मजबूरन सड़को पर उतरना पड़ा है।