शिलोनबाग। दिवाली की पहली रात से बेघर हुए शिलोनबाग गांव के गुलाब सिंह का परिवार अब जा कर अपने घर वापिस आ पाया है। वीरवार को नोफल संस्था ने शिलोनबाग गांव में दीवाली की पहली रात आगजनी की घटना से बेघर हुए परिवार को वापिस पहुचा दिया है। नोफल संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने कहा कि गुलाब सिंह का घर आग लगने की वजह से पूरी तरह जल गया था जिसके बाद गुलाब सिंह अपने भाई के घर में शरण लिए हुए थे। उन्होंने कहा कि घर जलने की सूचना मिलने के बाद संस्था के लोग पीडि़त परिवार के घर गए व पूरे परिवार को गोद ले लिया। उसके बाद संस्था ने आग से जले घर की जगह पर दोबारा से घर बनाने का जि मा उठाया।
संस्था द्वारा अभी तक आर.सी.सी का एक कमरा तैयार करके दे दिया गया है। इसके अलावा पूरे मकान में छत भी लगा दी गई है। संस्था द्वारा पीडि़त परिवार को अब कीचन व बाथरूम बनने का काम किया जा रहा है। नोफल संस्था द्वारा पीडि़त परिवार को घर में उपयोग होना वाला सारा सामान भेंट किया गया। इसमें कीचन का सारा सामान, बाथरूम का सारा सामान, पहने के कपड़े, 6 महीने का राशन, सोने के लिए रजाईया, क बल व गददे दिए गए। इसके अतिरिक्त संस्था ने पीडि़त परिवार के एक सदस्य को मोबाइल फोन भी दिया गया। संस्था द्वारा यह सारा सामान पीडि़त परिवार के मुखिया गुलाब सिंह को दिया गया। इस दौरान उनका पूरा परिवार साथ था। गुलाब सिंह ने नोफल संस्था का धन्यवाद किया।ओर कहा कि इनकी वजह से आज हम घर मिला और इन्होंने हमे राशन भी भर दिया है।
संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने कहा कि पूरे परिवार को गोद लिया गया है। जब तक पीडि़त परिवार के लिए पूरा मकान, कीचन व बाथरूम बनाकर तैयार नहीं किया जाता तब तक सस्था द्वारा पूरा सहयोग किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि 2 दिस बर को दोबारा से शिलोनबाग गांव को जाएगें तथा मकान बनाने के काम में लगे कारीगरों को सामान मुहैया करवाया जाएगा। बर्फबारी से पहले मकान बनाने का काम लगभग पूर कर लिया जाएगा।
कोटीघाट के डकोलू में भी संस्था ने बनाया घर
कोटीघाट पंचायत के तहत आने वाले डकोलू गांव के चेनू राम को भी संस्था ने इसी साल मई महीने में मकान बनाकर दिया है। इस परिवार को संस्था ने पहले गोद लिया हुआ है। संस्था ने अभी तक कई गरीब व असाहय लोगों की मदद की है। डकोलू में संस्था ने काफी सालों पूराने मकान में रह रहे परिवार को नया मकान बनाकर दिया है।
बच्चों की पढाई का खर्च उठाएगा नोफल संस्था
आगजनी की घटना के बाद शिलोनबाग के गुलाब सिंह की सारी स पति जलकर राखा हो गई थी। जिसके कारण बच्चों की पढाई भी प्रभावित हो गई थी। ऐसे में नोफल संस्था ने पीडि़त परिवार के तीनों बच्चों की पढाई का पूरा खर्च उठाने का जि मा अपने कंधो पर लिया है। संस्था ने कहा कि जब तक बच्चें पढाई करना चाहते है तब तक सारा खर्चा संस्था द्वारा उठाया जाएगा।
शिमला जिला के कई क्षेत्रों में संस्था कर चुकी लोगों की मदद
नोफल संस्था द्वारा वर्ष 2015 से पहले पीडि़त परिवारों की सहायता करना शुरू किया था। 2015 में संस्था ने रोहडू जिला के तांगणु गांव में आगजनी की घटना से प्रभावित 65 परिवारों को राशन प्रदान किया था। वर्ष 2017 में जुब्बल गांव में आगजनी की घटना से प्रभावित पुजारली के लोगों की सहायता की। कोटीघाट के डकोलू, शिलोनबाग में पीडि़तो की सहायता की है। नोफल संस्था द्वारा कोविड़ 19 के मरीजों को लंगर दिया जा रहा है। इसके अलावा रिपन अस्पताल, आई.जी.एम.सी व पी.जी.आई में पिछले 5 सालों से फ्री में लंगर दिया जा रहा है।