जय राम सरकार कोविड काल के साथ-साथ प्रदेश हित के मसलों का सामना करने से डर गई है और विधानसभा सत्र से ही भाग खड़ी हुई है। यह बात नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को ऊना में पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
मुकेश ने कहा कि विधानसभा सत्र को बुलाने का निर्णय प्रदेश सरकार ने किया था, हमने यह कहा था कि इस सत्र को करना चाहिए। नाकामियों पर चर्चा होनी चाहिए। सरकार ने फैसला यह करना था कि सत्र करवाना कहां है। मुकेश ने कहा कि ये सरकार तो मैदान छोड़कर भाग गई। उन्होंने कहा कि 400 सवाल लगे थे। अनेक विषय उठने थे, क्योंकि इस सरकार की उपलब्धि कोई नहीं है। कोरोना डेस्टिेशन प्रदेश को बना दिया गया है। इस सरकार में जो कोरोना के मामले कम होने पर अपनी पीठ थपथपाते थे, आज वहीं जयराम कोरोना के बढ़ते आंकड़ो में देश के नंबर सीएम बन गए है। इसके लिए भी पीएम मोदी को जयराम को शाबाशी देनी चाहिए। मुकेश ने कहा कि जिस प्रकार से कोरोना को निपटने में फैसलों को बदला गया और कोई भी फैसला 10-15 दिन नहीं चला, उसके चलते लगातार स्थितियां खराब हुई है।
उन्होंने कहा कि जब कोरोना के मामले कंट्रोल में थे, तो चुनाव आयोग के निर्देश के बावजूद ज़िलाधीशों को बदल दिया गया। अब सरकारी फरमान केवल कागजी बनकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए मुख्यमंत्री की दौड़े लग रही है। इसके अलावा कोई एजेंडा सरकार का नहीं है। मुकेश ने कहा कि एक माह में 18 हजार से अधिक मामले का आना और 340 से ज्यादा मौत होना सरकार के मुंह पर तमाचा है। प्रदेश में 625 कोविड से मौत हो चुकी है, जिनको राहत आपदा के तहत देने का निर्णय सरकार नहीं कर पाई और 14 सौ के करीब आत्महत्याएं हो गई है।
मुकेश ने कहा कि जयराम नहीं अब तो जनता पलटू राम की सरकार बोलने लगी है। उन्होंने कहा कि यू टर्न की इस सरकार से प्रदेश की जनता का मोह भंग हो गया है। उन्होंने कहा कि जनता पर महंगाई का बोझ थौंपने से लेकर लोगों को बेरोजगार करने का काम भाजपा सरकार की गलत नीतियों ने किया है।