एमडीएच मसाला बनाने वाली कंपनी के मालिक महाशय धर्मपाल जी का आज तड़के दिल की गति रुकने से निधन हो गया है. वह 98 साल के थे. वह कुछ दिनों पहले कोरोना पॉजिटिव हो गए थे जिससे वह उबर भी गए थे लेकिन बाद में उनकी तबियत बिगड़ती गई. उनका इलाज चनन देवी अस्पताल में चल रहा था.पद्मभूषण महाशय धर्मपाल के निधन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दुख जाहिर करते हुए ट्वीट किया है कि धर्मपाल जी एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे.उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी समाज को समर्पित कर दी थी. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.जबकि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने धर्मपाल के साथ अपनी कई फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि देश का सबसे प्रभावशाली व्यापारी. सिसोदिया ने आगे लिखा कि वह जिंदादिल और प्रभावशाली व्यक्ति थे. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.1947 में देश विभाजन के बाद भारत आए धर्मपाल की जीवनी भी बहुत रोचक रही है.
27 मार्च को पाकिस्तान के सियालकोट में जन्में धर्मपाल जी जब भारत आए तो बताते हैं कि उनके पास बहुत कम पैसे थे. उन्होंने यहां आकर परिवार के भरण-पोषण के लिए तांगा चलाया. फिर मसालों का कारोबार शुरू किया. उन्होंने दिल्ली के करोलबाग में मसालों की दुकान खोली और इसी दुकान से मसाले का कारोबार धीरे-धीरे इतना फैला की दुनिया में आज उनकी 18 फैक्ट्रियां बनाई है.एमडीएच मसाले की कंपनी ब्रिटेन, यूरोप, यूएई, कनाडा सहित दुनिया के कई देशों में भारतीय मसालों का निर्यात करती है. भारत सरकार ने उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से 2019 में सम्मानित किया था.खुद पांचवी तक पढ़े धर्मपाल शिक्षा के महत्व को खूब समझते थे इसलिए उन्होंने कई स्कूल भी खोले थे. जिस अस्पताल चनन देवी में उनका इलाज चल रहा था वह भी उनका ही बनाया हुआ अस्पताल था. एमडीएच मसाला के एक बयान के अनुसार, धर्मपाल गुलाटी अपने वेतन की लगभग 90 प्रतिशत राशि दान दे दिया करते थे।