कोविड पर मीडिया के लिए कार्यशाला आयोजित, आईजीएमसी के डाक्टरों ने बताए बचाव के तरीके

शिमला। कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके बचाव के संबंध में शुक्रवार को प्रेस क्लब में एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डाॅक्टर जनक राज और मेडिसन विभाग के डाॅक्टर व आईजीएमसी में कोविड वार्डों के इंचार्ज डाॅक्टर बलबीर वर्मा मौजूद रहे। आईजीएमसी प्रशासन और प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने कोरोना वायरस से बचाव संबंधी महत्वपूर्ण जानकाारियां मीडिया प्रतिनिधियों को दीं।

डाॅक्टर जनक राज ने कहा कि हिमाचल में कोरोना संक्रमण का तेजी से फैलाव हो रहा है तथा अगले सप्ताह संक्रमण शीर्ष स्तर पर पहुंच सकता है। ऐसे में लोगों को अब विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस बीमारी के प्रति आत्मबल बनाए रखने और जागरूक होने की जरूरत है। लोगों में जनजागृति के माध्यम से इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि कोविड संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कम जाएं और यदि बाहर जाने की जरूरत पड़ती है, तो एक मीटर की दूरी बनाकर रखें, हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें और बार-बार साबुन से हाथ धोएं। उन्होंने कहा कि खांसते, चीखते वक्त यह वायरस निकलता है और दूसरों को चपेट में लेता है। यदि हम दूरी बनाए रखेंगे, तो यह वायरस हमें प्रभावित नहीं करेगा।

उन्होंने कहा कि मास्क लगाने के काफी फायदे हैं। यह संक्रमण को फैलने से रोकता है। सांस को दूसरे के संपर्क में आने से नियंत्रित करता है तथा बार-बार हाथ को मूंह में लगाना चाहें, तो उससे भी बचाव होता है। अमूमन दिन में कई बार मूंह को छूते हैं। यह साधारण प्रवृति है और लोग इसे कम करें।

इस अवसर पर डाॅक्टर बलवीर वर्मा ने कोरोना वायरस को लेकर लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की हिदायत दी। कहा कि लोगोें को अपना आक्सीजन लैवल निरंतर पल्स आक्सीमीटर मशीन से जांचना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों को उनमें ऑक्सीजन लेवल खतरनाक स्तर तक कम होने का भी पता नहीं चलता है। खासतौर पर जिन मरीजों में लक्षण स्पष्ट या दिखाई ही नहीं देते उनका ऑक्सीजन लेवल भी कम हो जाता है और उन्हें पता तक नहीं चलता। ऑक्सीजन स्तर के कम होना मरीज में स्थिति गंभीर हो जाती है और इस कारण मरीजों की मौत हो रही है।

उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऑक्सीमीटर पर 94-96 की रीडिंग सही स्थिति दर्शाती है, लेकिन अगर यह मान 92 से नीचे आ जाए तो चिंता जनक हो सकता है तथा इस समय पर डॉक्टर से सलाह लेना ही बेहतर होगा।

उन्होंने कहा कि समाज में कोरोना मृतकों को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि संक्रमित व्यक्ति के शव से कोरोना नहीं फैलता। शव की अंत्येष्टि से कोरोनावायरस संक्रमण फैलने की संभावना नहीं रहती है।

कार्यशाला के आरंभ में प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल हैडली और पदाधिकारियों ने डाॅक्टर जनक राज और डाॅक्टर बलवीर वर्मा को हिमाचली टापी पहनाकर सम्मानित किया।

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