शिमला पुलिस ने बढ़ती आगजनी की दुर्घटनाओं से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की

शिमला। पुलिस ने आगजनी से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है जिसमें लोगों को अग्निकांड की घटनाओं से बचने के उपायों पर अमल करने को कहा है। दरअसल सर्दियों के आगाज के साथ ही आगजनी के अत्यधिक मामले लकड़ी के बने मकानों में सामने आए हैं। इस वजह से लोगों के आशियाने छिन रहे हैं और बहुमूल्य संपति का नुकसान हो रहा है।बीते रविवार को रोहड़ू उपमंडल के एक गांव में चार मंजिला मकान आग की चपेट में आकर राख हो गया और इसमें रहने वाले नौ परिवार बेघर हो गए। इसके अलावा चिड़गांव, रोहड़ू व जुब्ब्ल क्षेत्रों में भी आगजनी की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। चिढगांव व रोहडू के कई गावों में आए दिन कहीं न कहीं गावं,जंगलों, बगीचों, घासनियों में आग लगने की घटनाएं घटित हो रही है।

खास बात यह है कि अधिकतर आग की घटनाएं स्वयं की लापरवाही से होती हैं। इस प्रकार की लापरवाही से न केवल संपति का नुकसान हुआ है बल्कि हमारे कई अपनों की जान भी गई है।पुलिस द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि लोग अपने घरों में पुरानी बिजली की तारों की रिपेयर करवाएं तथा अच्छी किस्म की तारों का प्रयोग करें, ताकि किसी तरह का शार्ट सर्किट न हो सकें। आज कल आधुनिक तरीके के उपकरण बाजार में उपलब्ध हैं, जो शार्टसर्किट के खतरे को निष्क्रिय करते हैं। इसके अलावा घरों में लकड़ी व कोयले की अगींठी न जलाएं, क्योकि कई बार हम लोग आग का ताप लेकर सो जाते है और अगीठीं जलती रहती है।

ऐसे में उससे निकली चिगांरी भी घर को नुकसान पहुचाँ सकती है। साथ ही कोयले से निकलने वाली कार्बन-मोनोऑक्साईड गैस से व्यक्ति एकदम निष्क्रिय होकर मर सकता है। लिहाजा इस प्रकार की अंगीठी को सोने से पूर्व बुझाकर घर से बाहर रख दें व प्रयोग के दौरान वायु प्रवाह के लिए खिड़की को थोड़ा खुला रखें।एडवाइजरी के मुताबिक घरों में लोग सुखी घास, जंगलों व ज्वलनशील पदार्थों के पास धुम्रपान न करें व धूम्रपान कर ही रहे हैं तो जले हुए माचिस की तीली व बीड़ी-सिगरेट के जले हुए टुकडों को लापरवाही से इधर-उधर न फेंके तथा इन्हें ठीक से बुझाना सुनिश्चित करें।

इसी तरह घास काटने के उपरान्त आग न लगाए, क्योंकि अक्सर यह आग हवा के साथ तेजी से फैल जाती है, जिसमें नियंत्रण नहीं रहता, जिससे अत्यधिक नुकसान होता है तथा आग फैलती-फैलती गांव तक आ सकती है।शिमला पुलिस ने कहा है कि घरों में ज्वलनशील पदार्थों को जैसे की मिट्टी का तेल, पैट्रोल आदि को घर से बाहर एक सुरक्षित जगह रखें। उपयोग के बाद गैस चूल्हे को ठीक से बन्द करना सुनिश्चित करें तथा सिलेण्डर को रैगुलेटर से ऑफ करें।

अपने-अपने घरों में फायर एक्सटिंगइशर लगाएं तथा इसकी वैधता अवधि को चैक करते रहें। घरों के आस पास छोटा पानी का टैंक बनाएं। यदि जगह नहीं है तो गांव के बाहर एक बड़ा टैक बनाएं, ताकि आपत्कालीन स्थिति में इसका फायदा उठाया जा सके।

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