शिमला। पर्याप्त बारिश नहीं होने से प्रदेश भर में पेयजल योजनाएं दम तोड़ने लगी हैं। जल स्रोतों में पानी का स्तर घट जाने के कारण करीब 250 योजनाएं प्रभावित हुई हैं। ऐसी ही स्थिति नवंबर से पहले भी बनी हुई थी, लेकिन बीच में बारिश और बर्फबारी से स्थिति कुछ सुधर गई थी। इसके बाद फिर बारिश न होने से अब फिर से सूखे जैसी स्थिति बन चुकी है। नवंबर में हुई बारिश-बर्फबारी का असर अब नहीं रहा। इस कारण प्रदेश भर में करीब एक दर्जन पेयजल योजनाएं ठप पड़ चुकी हैं, जबकि 250 योजनाओं में 25 से 75 फीसदी पानी कम हो चुका है, जिससे लोगों को भी परेशान उठानी पड़ रही है।
राज्य के सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में चल रही कुल 13 हजार योजनाओं में से करीब 250 स्कीमों पर सूखे की मार पड़ी है। दिसंबर भी शुरू हो चुका है, लेकिन बारिश न होने से ये योजनाएं उबर नहीं पा रही हैं। बारिश न होने से जल स्रोत सूखते जा रहे हैं। जिन योजनाओं पर सूखे की मार पड़ी है, उनमें शिमला, सिरमौर, कुल्लू, मंडी आदि जिलों में पहाड़ी क्षेत्रों की कई उठाऊ और ग्रेविटी से चलने वाली योजनाएं शामिल हैं। प्रदेश में कई जगह तीन-चार दिन बाद पेयजल सप्लाई हो रही है।
योजनाओं के प्रभावित होने की नई रिपोर्ट मंगवाई है: प्रमुख अभियंता प्रमुख अभियंता नवीन पुरी ने माना कि 200 से 250 योजनाओं की पिछले सप्ताह प्रभावित होने की रिपोर्ट आई है। नई रिपोर्ट अभी और मंगवाई गई है। इनमें से करीब 14-15 योजनाएं ही पूरी तरह से प्रभावित मानी जा सकती हैं। बाकी में बारिश न होने का आंशिक प्रभाव है। यह 25 से 75 फीसदी तक है।
मंत्री ने योजनाओं के प्रभावित होने से जताई अनभिज्ञता
इस बारे में जब जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से बात की तो उन्होंने योजनाओं के प्रभावित होने से अनभिज्ञता जताई और कहा कि कौन सी योजना प्रभावित है, इस बारे में उन्हें बताएं।