प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये लागू देशव्यापी लॉकडाउन को अब 3 मई तक बढ़ाने की आज घोषणा करते हुए कहा कि इस महामारी को परास्त करने के लिये यह आवश्यक है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि देश कोरोना की महामारी को थामने में काफी हद तक सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में लॉक डाउन को 3 मई तक बढ़ाया जा रहा है। 3 मई तक सबको लॉक डाउन में रहना होगा। जहां हैं वहीं रहें और सुरक्षित रहें। पीएम ने कहा कि अब और भी ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल तक हर राज्य, हर जिले को बहुत बारीकी से परखा जाएगा। उसके हिसाब से मूल्यांकन कर 20 अप्रैल के बाद कोरोना से अछूते क्षेत्रों में सशर्त कुछ रियायतें दी जा सकती हैं। अगर कहीं उस दौरान इन क्षेत्रों में कोई मामला दोबारा सामने आता है तो यह सब रियायतें खत्म कर दी जाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से मांगे सात वचन
देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से सात वचन भी लिए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में इनका पालन सुनिश्चित करें तभी हम कोरोना वायरस को हरा पाएंगे।
पहला वचन
अपने घर के बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान।
दूसरा वचन
लॉक डाउनलोड सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का करें पालन।
तीसरा वचन
अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का करें पालन।
चौथा वचन
आरोग्य सेतु मोबाइल एप करें डाउनलोड।
पांचवा वचन
गरीब परिवारों की करें देखरेख।
छठां वचन
अपने व्यवसाय में काम करने वालों के प्रति रखें संवेदनाएं, नौकरी से ना निकाले।
सातवां वचन
देश के करोड़ों योद्धाओं डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मी व पुलिसकर्मी का करें सम्मान।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को धन्यवाद करते हुए कहा कि लोगों ने मुश्किलों में भी इस महामारी से लड़ने में साथ दिया है। उन्होंने कहा कि आजकल उत्सवों का सीजन होते हुए भी लोग घर पर रह कर ही सारे त्यौहार मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब देश में एक भी कोरोना का मरीज नहीं था तब से ही सरकार ने एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। जब मरीजों का आंकड़ा 100 था तब ही विदेशों से आने वाले लोगों के लिए 14 दिनों का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया गया था। वहीं मरीजों का आंकड़ा 500 के करीब था तो 21 दिनों का पूरा लॉक डाउन घोषित कर दिया गया था।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन कदमों की वजह से ही आज भारत में यह महामारी उतना कहर नहीं मचा सकी जितनी इसने कई विकसित देशों में मचाई हुई है। उन्होंने राज्यों सरकारों की भी तारीफ की।