शिमला। योजना आयोग का नाम बदल कर नीति विभाग बनाने का निर्णय लिया गया है।
वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय हिमाचल प्रदेश में प्रति वर्ष 1 लाख 83 हजार 286 रुपये है जो राष्ट्रीय स्तर 56 हजार 318 रुपए ज्यादा है।
नाबार्ड से विधायक को मिलने वितीय राशि 120 से बढ़ाकर 135 करोड़ किया गया।
विधायक निधि को वर्ष 2021-22 में पूर्व रूप से बहाल किया जाएगा और निधि को 175 से बढ़ाकर 180 करोड़ करने की घोषणा की गई है।
महिला मंडल, युवक मंडल 1 और स्वयं सहायता समूह को विधायक निधि से 50 हजार तक दे सकते हैं।
1 अप्रैल से विधायकों को पूरी तनख्वाह बहाल की जाएगी जो कोरोना के कारण काट दी गयी थी।
आईटीआई में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवाएं शुरू की जाएगी।
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर शिमला में बनाया जाएगा।
सभी क्लास 1 और क्लास 2 अधिकारियों को को हर वर्ष अपनी आय का ब्यौरा सार्वजनिक करेगा पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त के लिए जानी जाती है। पंचायत के चुनावों में भाजपा से समर्थित प्रत्याशियों को जीत मिली है।
2005 के बाद नई पंचायतों का गठन नहीं किया गया था और सरकार के पास पंचायतों के गठन की मांग आ रही थी जिसमें बाद सरकार ने पंचायतों का गठन किया और अब कुल 3615 पंचायतें प्रदेश में हो गयी है।
सभी ग्राम पंचायत में पंचायत भवन का निर्माण किया जाएगा।
जायका के पहले चरण की 5 जिलों में सफलता को देखते हुए इसके सभी 12 जिलों में भी 1055 करोड़ की परियोजना को 2021-22 में शुरू किया जाएगा।
60 डीपीआर तैयार करने का काम किया जा रहा है।
250 बैंक साख बनाने की घोषणा की गईपंचायत चौकीदार का मानदेय 300 प्रतिमाह बढ़ाने की घोषणा की गई।
विकास में जन सहयोग के लिए वित्तीय बजट को दोगुना किया जाएगा।
1 लाख 5 हजार 200 लोगों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया गया है और अगले वित्त वर्ष में 50 हजार लोगों को और जोड़ा जाएगा और 1 लाख किसानों को जागरूक किया जाएगा और इसके विपणन और उत्पादों को अलग पहचान देने के और किसानों को प्रमाणित करने के लिए 20 करोड़ के बजट का प्रबंध किया गया है।