शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य में कोविड-19 के मामलों की बढ़ोतरी के दृष्टिगत स्थिति की समीक्षा के लिए आज वर्चुअल माध्यम से राज्य के सभी उपायुक्तों पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, और प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों और चिकित्सा अधीक्षकों के साथ बैठक की। इस अवसर पर राज्य में सूखे जैसी स्थिति से उपजी परिस्थितियों की समीक्षा भी की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म नियंत्रण क्षेत्रों की प्रभावी निगरानी के साथ-साथ परीक्षण, ट्रेसिंग और उपचार के लिए दोहरी रणनीति समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में परीक्षण की संख्या बढ़ाना सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीन का न्यूनतम अपव्यय सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि राष्ट्र और राज्य इसे वहन नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत परीक्षण का लक्ष्य हासिल करने और आरटीपीसीआर परीक्षणों पर अधिक बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीकाकरण को जन आंदोलन बनाने के लिए 11 से 14 अप्रैल तक टीका उत्सव के रूप में मनाने के प्रयास किए जाएं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि चिंता का सबसे बड़ा विषय यह है कि वायरस तेज गति से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मौतों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है, जो कि चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों को अपनी बिस्तरों, आइसोलेशन तथा चिकित्सा उपकरणों की क्षमता बढ़ानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को इस स्थिति से निपटने के लिए लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की प्रभावी भागीदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए, जैसा कि पिछले साल किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानक संचालन प्रक्रियाओं के उल्लंघन में शामिल लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि होटल व्यवसायियों को भी एसओपी का सख्ती से पालन करना चाहिए ताकि राज्य कार्रवाई करने के लिए विवश न हो। उन्होंने कहा कि लोगों की लापरवाही के परिणामस्वरूप राज्य में कोविड मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की नियमित निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों की नियमित निगरानी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे ही लोगों में इस बीमारी का कोई लक्षण पाया जाता है उन्हें तुरंत परीक्षण के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें बिना बिलम्व से उपचार प्रदान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्तों को अपने-अपने जिला में सूखे की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चारे की उपलब्धता की नियमित निगरानी भी करनी चाहिए ताकि किसानों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सभी उपायुक्तों को जिलों में सूखे जैसी स्थिति के कारण हुए नुकसान के संबंध में विस्तृत एवं समेकित रिपोर्ट अवश्य उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने उपायुक्तों को कृषि और बागवानी को होने वाले नुकसान के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भी उपलब्ध करवाने को कहा। उन्होेेंने कहा की जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन संरचनाओं के निर्माण के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि टीकाकरण पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए लेकिन कोविड के प्रति उचित दृष्टिकोण व रवैया अपनाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस वायरस के फैलने को रोकने के लिए उचित कार्रवाई करने में देरी नहीं होनी चाहिए और लोगों को समय.समय पर मानक संचालन प्रकियाओं का कड़ाई से पालन करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए नेहरू युवा केन्द्र, युवा क्लब, एनएसएस आदि युवा संगठनों को शामिल किया जाना चाहिए ।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ, राजीव सैजल, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व आर.डी. धीमान, एनआरएचएम के मिशन निदेशक डाॅ निपुण जिदंल, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए।