कुल्लू। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय कुल्लू मे \”जिला कुल्लू मेे सड़क हादसों पर समीक्षा बैठक एवं सड़क सुरक्षा- जागरूकता पर एक दिवसीय कार्यशाला\”का आयोजन किया गया ।इस की अध्यक्षता निदेशक हिमाचल प्रदेश परिवहन विभागअनुपम कश्यप ने की ।
सहायक आयुक्त सड़क सुरक्षा सैल हिमेश नेगी ने जानकारी देते हुये बताया कि 2019 के बाद बच्चों तथा औरतों की सुरक्षा को देखते हुये यात्री वाहनों और मालवाहक वाहनों मे (VLTD) व्हीकल लोकेटर ट्रैकिंग डिवाईस लगाना जरूरी कर दिया गया है। इस डिवाईस को अगर गाड़ी मे लगाया गया होगा तो आगे से एमवीआई भी गाड़ी को पास नही करेगा और न ही गाड़ी का टैक्स ईत्यादि भरा जायेगा। इस डिवाईस के दो सिम गाडी मे लगे होते हैं जो दो साल बाद रिचार्ज करने पड़ते हैं । विभिन्न गाड़ियों मे इस डिवाईस के जगह-2 पर लाल बटन लगे होते हैं जिन्हेंं दबाने से सीधा 112 न0 पर अलर्ट चला जाता है और पुलिस उस गाड़ी को ट्रेस कर लेती है जिससे गाड़ी की दुर्घटना या निर्भया हत्याकांड जैसी घटनाओं सेे बचाव हेतु तुरन्त कार्यवाही की जा सके। यह डिवाईस 2012 मे हुये निर्भया हत्याकांड को देखते हुये ही बनाई गई है।
सड़क सुरक्षा सैल के पुलिस उप-अधीक्षक अमर सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण तेज रफ्तार, नशा कर गाड़ी चलाना व ब्लैक स्पॉट हैं। पूरे प्रदेश मे सड़कों की लम्बाई 40329 कि.मि. है, जिसमे से 2600 कि.मी राष्ट्रीय उच्च मार्ग है और 70% हादसे राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर ही होते हैं। और 21वर्ष से 45 वर्ष वर्ग आयु के लोग ही अधिकतर सड़क दुर्घटनायें करते हैं।
निदेशक परिवहन विभाग अनुपम कश्यप ने सभी लोगों से आह्वान किया कि प्रत्येक व्यक्ति को सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिये हमेशा तेज रफ्तार पर चलने के लिये व नशा ईत्यादि कर गाड़ी चलाने पर टोकना चाहिये ताकि किसी परिवार को दुर्घटनाओं की असहनीय पीड़ा न सहन करना पड़े । उन्होनें बताया कि हिमाचल मे 1लाख 20 हजार महिलाये लाईसैंस धारक है इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि ट्रैफिक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है जिसकी बजह सै दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ रहा है। उन्होने आग्रह कि कि सभी लोग सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और मानव जीवन को बचाने में अपना पूर्ण सहयोग करें। अधिक जानकारी हेतु कॉल सैन्टर के दूरभाष न0 0177 2654185 पर सम्पर्क कर सकते हैं।