शिमला। सरकार ने हिमाचल में खनिज तस्करी रोकने के लिए एक महीने में आधा दर्जन बॉर्डर पर चेकपोस्ट एक माह में लगाने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में जिला ऊना और सोलन में चेकपोस्ट स्थापित करने का कार्य आवंटित कर दिया है। खनन माफिया पर शिकंजा कसने को प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। सरकार ने जिला ऊना में 5 और जिला सोलन के बॉर्डर में एक चेकपोस्ट तैयार करने के लिए टेंडर आवंटित कर दिए हैं। जिस कंपनी को चेकपोस्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा है, उसे यह कार्य एक माह में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि इसके बाद प्रदेश के खनिज यानी रेत-पत्थर और बजरी की तस्करी रोकने के लिए अन्य जिलों के बॉर्डर में चेकपोस्ट बनाई जाएंगी।
एक चेकपोस्ट तैयार करने में सरकार को 15 लाख रुपये खर्च करने होंगे। चेकपोस्ट के जरिये राज्य से बाहर क्षमता से अधिक खनिज ले जाने वालों पर कड़ी निगरानी रहेगी। बॉर्डर में बनाई जा रहीं चेकपोस्ट में दो-दो फैब्रिकेटिड कमरे बनाए जा रहे हैं। खनिजों की चोरी रोकने को सीसीटीवी कैमरे भी लगेंगे। इसके अलावा वेइंग ब्रिज (बड़ा कांटा) भी लगाया जा रहा है, जिससे मौके पर गाड़ी में लोड खनिज को तोला जा सके। राज्य के जियोलॉजिस्ट पुनीत गुलेरिया ने कहा कि जिला ऊना में 5 और सोलन के बॉर्डर में एक चेकपोस्ट तैयार करने का काम अवार्ड कर दिया है। ये चेकपोस्ट 21 अक्तूबर तक तैयार करनी होंगी।