सोलन। हिमाचल प्रदेश दलित, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जीआर मुसाफिर ने कहा कि परिषद प्रदेश के इन तीन वर्गों की आवाज बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार इन वर्गों की अनदेखी कर रही है, जो सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिषद हिमाचल प्रदेश में जिला व ब्लॉक तक कमेटियों का गठन किया जाएगा ताकि इस वर्ग के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लोगों को लामबंद किया जा सकें। मुसाफिर सोमवार को सोलन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर परिषद के राज्य महासचिव डॉ. जीआर साहिबी, सोलन जिला के अध्यक्ष विद्या सागर, सोलन विस क्षेत्र के अध्यक्ष श्याम लाल, कसौली के अध्यक्ष सोकृत कुमार, पच्छाद के अध्यक्ष दुर्गाराम समेत अन्य मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि 6-7 वर्ष पहले देश में जो सरकार बनी थी तो उन्होंने समाज के हर वर्ग के विकास के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थी, लेकिन सत्ता में काबिज होने के बाद सरकार ने दलित, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यकों को विशेष तरजीह नहीं दी। इससे लोगों में सरकार के प्रति रोष पनप रहा है। सबका साथ, सबका विकास का नारा सार्थक नहीं हो पाया। यह नारा महज एक जुमला बना। उन्होंने कहा कि परिषद प्रदेश में दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करेगी।
गंगूराम मुसाफिर ने कहा कि पूर्व सरकार ने दलित, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यकों को 5-5 बीघा जमीन दी थी,कुछ लोगों को यह जमीन आज तक नहीं मिली है। सरकार इसके लिए स्पेशल ड्राइव चलाकर इसे लाभार्थियों को दें। सरकारी विभागों में बैक लॉक को भरा जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में सरकार आउटसोर्स के नाम पर बैक डोर एंट्री कर रही है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में प्रदेश में शैडयूल कास्च कमीशन बनाया गया था, लेकिन भाजपा ने सत्ता में आते ही इसे निरस्त कर दिया था। सका दोबारा गठन हो ताकि इस वर्ग को राहत मिल सकें।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का कार्यकाल निराशाजनक रहा है। आसमान छूती मंहगाई ने गरीब और आम जनता की कमर तोड़ के रख दी है। सरसों का तेल, मंहगी दालें आम आदमी की पहुंच से दूर हो गई है। मुसाफिर ने कहा कि मोदी राज में पेट्रोल, डीजल के दाम थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सरकार ने सस्ते राशन मे कटौती कर गरीब लोगों को आटे दाल का भाव मालूम करवा दिया गया है। इससे विकास की हकीकत का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता हेै। बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने कहा कि आज देश का अन्नदाता 6 माह से सड़कों पर है, जिसकी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। हालात नहीं सुधरे तो वो दिन दूर नहीं जब अनाज पर पाबंदी लगाई जाएगी। देश के नेताओं को अपनी कुर्सी बचाने के साथ-साथ अपनी साख बचाने पर भी ज्यादा धन खर्च करना पड़ रहा है। 2022 में हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बनेगी,यह लोगों ने मन बना लिया है।