शिमला। रक्षा मंत्री राजनाथ ने आज नई दिल्ली से वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से 44 स्थाई प्रमुख पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया और नेचिपु सुरंग का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि ये सभी पुल देश के सीमावर्ती क्षेत्र में बेहतर संपर्क स्थापित करने में मील पत्थर साबित होंगे।
राष्ट्र को समर्पित किए 44 पुलों में दो पुल हिमाचल प्रदेश में स्थित हैं, जिनमें मनाली-सरचू-लेह राजमार्ग पर स्थित दारचा बरसी पुल भी शामिल है। दारचा में भागा नदी पर 360 मीटर लंबा यह पुल देश का दूसरा सबसे लंबा पुल है। इस पुल का निर्माण 27.25 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यातायात सुचारू बनाये रखने के साथ यह नया पुल अधिक भार वहन क्षमता में भी सहायक सिद्ध होगा।
दारचा लाहौल में केंलग से 33 किलोमीटर दूरी और 11 हजार 20 फीट ऊंचाई पर स्थित है। इस परियोजना को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 70 सड़क निर्माण कंपनी द्वारा निर्मित किया गया है।
रक्षा मंत्री ने मनाली-सोलंग-लेह राजमार्ग पर ब्यास नदी पर बनाए गए 110 मीटर पलचान पुल का भी आज लोकर्पण किया। इस पुल का निर्माण 12.83 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अपने आधिकारिक निवास स्थान ओक ओवर से इस कार्यक्रम में भाग लिया।
अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्रियों और जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर भी अपने-अपने राज्यों से इस आयोजन में शामिल हुए।
जनजातीय विकास मंत्री डा. राम लाल मारकंडा, मुख्य अभियंता बीआरओ ब्रिगेडियर एम.एस. बाघी और कर्नल जे.एस. बरगोटी शिमला से तथा शिक्षा मंत्री गोविन्द ठाकुर, सासंद रामस्वरूप शर्मा वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।