शिमला। लम्बे समय बाद कोरोना संकटकाल के बीच हिमाचल में होटलों को खोला गया और अब सैलानी भी हिमचल का रूख कर रहें है लेकिन ऐसे मे भी 7 महीने से बंद पड़े कोरोबार में ज्यादा तेजी नही है। हिमाचल की सभी होटल एसोसिएशन ने मिलकर अब फैडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेनट एसोसिएशन का गठन किया है जोकि होटलियरस के हित की बात को सरकार तक पहुंचाने का काम करेगी और कारोबार से जुड़े सभी लोगो के हितों को देखते हुए नई पॉलिसिस बनानें मे भी मदद करेगी। ताकि आने वाले समय में पर्यटन और होटल इंडस्टरी प्रदेश में बेहतर कार्य कर सके, नई बनी फैडरेश्न के अध्यक्ष का कहना रहा कि कोरोना संकटकाल में होटल व्यवसाय को दोगुनी मार झेलनी पड़ी है एक ओर तो व्यापार लम्बे समय से बंद था और दूसरी ओर किसी भी तरह की रियायत अब सरकार द्वारा भी नही दी जा रही है।
उन्होने कहा कि बिजली पानी के बिलों को भरने के लिए या तो सरकार उन्हे थोड़ा समय दे या फिर उनसे किश्तों में भरपाई की जाए क्योकि 7 महीनों के बाद व्यवसाय थोड़ा चलने लगा है होटलस में सिर्फ 5 से 10 फीसदी औक्यूपैंसी है ।ऐसे में मंदी के दिनों में एक साथ पेमैंट कर पाना मुश्किल है। उनका कहना है कि बैकों का होटल मालिकों के प्रति जो रवैया है उसकी वजह से आने वाले समय में कई होटलस बंद हो सकते है। ना तो बैंकों द्वारा नए लोन दिए जा रहे है ना ही पुरानी किश्तो को रिस्ट्रकचर किया जा रहा है। हिमाचल की आर्थिकी में पर्यटन कारोबार और होटल इंडस्टरी एक अहम भूमिका निभाता है ऐसे में सरकार को आगे आकर एक अभियान शुरू करने की जरूरत है ताकि इन दोनो इंड्रस्टीस को बचाया जा सके। साथ ही उन्होने सरकार से ये मांग भी रखी है कि अधिकतर टूरिस्ट बंगाल, दिल्ली, गुजरात से आता है तो इन क्षेत्रों के लिए जल्द से जल्द एसी और बोल्बो बस सेवा शुरू की जाए नही तो आने वाले समय में 1,2 साल इस व्यवसाय को पटरी पर आने में लग जाएंगे।