शिमला। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की अधिसूचना से पहले आरक्षण रोस्टर तैयार करने की कवायद तेज हो गई है। पंचायती राज विभाग के सचिव ने आरक्षण रोस्टर लागू तैयार करने का फार्मूला तय कर जिलाधीशों को पत्र भेजा है।दिसंबर में प्रस्तावित पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को लेकर रोस्टर जनसंख्या के आधार पर तय होगा। पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण आबादी के हिसाब से तय होगा। प्रधान पदों पर आरक्षण के लिए विकास खंड एक इकाई होगा।किसी भी विकास खंड में एससी या एसटी की आबादी 5 फीसद से कम होने पर इस वर्ग के लिए प्रधान पद आरक्षित नहीं होगा।
विकास खंड में प्रधान पद पर 50 फीसदी पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। इसमें एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग की महिलाएं भी शामिल हैं। मगर इसका आधार भी विभाग ने आबादी को तय किया है। किसी विकास खंड में पंचायतों की संख्या 42 होने पर प्रधान के 21 पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे।इसमें एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित पद भी शामिल होंगे। पंचायती राज विभाग के सचिव के पत्र के बाद जिलाधीश शिमला आदित्य नेगी ने उप मंडलाधिकारियों को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करने को लेकर पत्र लिखा है।
चुनाव में सबसे पहले एससी वर्ग के लिए आरक्षण रोस्टर तय होगा। रोस्टर तय करते वक्त न सिर्फ वार्डों का आरक्षित किया जाएगा, बल्कि आबादी के हिसाब से महिलाओं अथवा अन्य वर्गों के लिए पदों को भी आरक्षित किया जाएगा। 2011 की जनगणना आरक्षण का आधार होगी।आरक्षण तय करते वक्त 2010 व 2015 के पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में आरक्षित वार्डों व पदों को घटाया जाएगा। अर्थात जो वार्ड पहले आरक्षित थे उनसे अगला वार्ड गणना में आएगा। जनसंख्या के अनुपात से तय होने वाले आरक्षण रोस्टर में दस में से एक वार्ड के आरक्षित होगा। पंचायत में भी 50 फीसद पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। पंचायत समितियों में आरक्षण का आधार जिला की आबादी होगी।