लोकमित्र केंद्र संचालकों ने स्थाई नीति बनाने की उठाई आवाज, बोले मानदेय समेत सेवा शुल्क भी बढ़ाए सरकार

करसोग। प्रदेश में लोकमित्र केंद्र संचालक संघ ने स्थाई नीति बनाने को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर दी है। यहां करसोग में लोकमित्र केंद्र संचालकों की सरकार से स्थाई नीति बनाने सहित कई अन्य समस्याओं पर चर्चा हुई। इस बारे में स्थानीय विधायक हीरालाल को ज्ञापन भी सौंपा गया। जिसमें प्सरकार से लोकमित्र केन्द्र में लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं पर सेवा शुल्कों में बढोतरी करने, मानदेय तय करने, राशन डिपो व डाक घरों को सीएससी आईडी वितरण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने, केन्द्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना को तुरंत प्रभाव से लागू करने व पंचायत में एक ही लोक मित्र केंद्र की व्यवस्था को लागू करने की मांग रखी है। लोकमित्र केंद्र संचालकों का कहना है कि जनता को घरद्वार पर सरकारी व गैर सरकारी सुविधाएं देने को सरकार ने 2008 में हर पंचायत में लोकमित्र केंद्र स्थापित किए थे। जिसके तहत लोगों को 13 सालों से एक ही छत के नीचे बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि लोकमित्र केंद्र संचालक अभी भी 2008 में तय कि गई दरों पर ही कार्य कर रहे हैं। जबकि इस दौरान महंगाई 3 से 4 गुणा तक बढ़ी है। इसलिए दरें न बढ़ाए जाने से संचालकों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। यही नहीं सरकार ने ई गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए ई डिस्ट्रिक्ट व्यवस्था को भी लागू किया है। इसके माध्यम से तहसील में या अन्य सरकारी कार्यालयों में प्रमाणपत्रों को बनाने की जिम्मेदारी लोकमित्र संचालकों को सौंपी गई है। इस तरह से प्रदेश भर में 6500 से अधिक लोकमित्र संचालक सरकार की हर योजना को जन जन तक पहुंचा रहे हैं । लेकिन इसके बावजूद लोकमित्र संचालक परेशानी झेल रहे हैं। ऐसे में सरकार से स्थाई नीति बंनाने और अन्य मांगों पर तुरंत प्रभाव से उचित निर्णय लेने का आग्रह किया गया है। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष रमेश ठाकुर , प्रांत कानूनी सलाहकार महेंद्र कपूर, ब्लाक उपाध्यक्ष चंदना वर्मा, खंड सचिव नीरज गुप्ता सहित कई अन्य संचालक उपस्थित रहे।

विधायक हीरालाल ने कहा कि समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए लोक मित्र केंद्र संचालकों की मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री निपटारा करेंगे।

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