करसोग । ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने को लेकर सरकार काफी प्रयास कर रही है। करसोग में हर पंचायत को पानी के सैंपल लेने के लिए फील्ड किट भी दी गई हैं, लेकिन इसमें बहुत सी पंचायतें अपनी भूमिका सही तरीके से नहीं निभा रही हैं।
फील्ड से जल शक्ति विभाग को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक केवल 50 फीसदी पंचायतों में ही दूसरे या तीसरे महीने लोकल सोर्स से पानी के सैंपल भरे जा रहे हैं, जबकि बाकी बची 50 फीसदी पंचायतों में साल में एक ही बार में पानी के सैंपल भरे जा रहे हैं। ऐसे में पानी की टेस्टिंग को लेकर पंचायतों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की स्वच्छता को लेकर नियमित जांच करने के लिए सरकार ने अब नई पहल की है। हर पंचायत में अब पांच जागरूक महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी, जो फील्ड किट के माध्यम से समय समय पर प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों, बावड़ियों सहित जल शक्ति विभाग की ओर से दी जा रही सप्लाई से पानी के सैंपल भरेंगी। हालांकि इसके साथ पानी के नमूने जांचने में पंचायत की भी भूमिका बनी रहेगी।
सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के सैंपल भरने को लेकर सुधार होगा, जिससे लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। ऐसे में हर साल सामने आने वाले जलजनित रोगों के मामलों में भी निश्चित तौर पर कमी लाई जा सकेगी।
सभी पंचायतों को दी गई है फील्ड किट
जल शक्ति विभाग ने पानी के नमूने जांचने के लिए ब्लॉक की सभी 54 पंचायतों को फील्ड किट दी है। इसके अतिरिक्त पेयजल स्त्रोतों के रखरखाव को लेकर ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समितियों का भी गठन किया गया है, जो प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत सूखने पर गांव के लिए नई पेयजल योजनाओं को तैयार करने जल शक्ति विभाग को प्रस्ताव भी भेजेंगी।
जल शक्ति विभाग के ब्लॉक कोर्डिनेटर सुंदर लाल ने बताया कि सभी पंचायतों को पानी के नमूने जांचने को फील्ड किट दी गई है, लेकिन इसमें 50 फीसदी पंचायतें ही सही तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए विभाग ने एक योजना तैयार की है. इसमें हर पंचायतों में पांच महिलाओं को ट्रेनिंग की जाएगी, जो ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के सैंपल भरेगी।