शिमला। विश्व हिंदू परिषद ने केंद्र सरकार से पीएफआई और एसडीपीआई की गतिविधियों की एनआईए से जांच करवाने की मांग की है।
विश्व हिन्दू परिषद् के प्रांत सहमंत्री तुषार डोगरा ने कहा है कि कर्नाटक के शिमोगा में बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की निर्मम हत्या से पूरा हिन्दू समाज आहत है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं के लोगों ने निर्मम हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि यह कृत्य कर्नाटक राज्य सहित पूरे भारत में आतंक फैलाने के लिए किया गया है।
तुषार डोगरा ने कहा कि पीएफआई के कार्यकर्ता कर्नाटक राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की क्रूर हरकतों को बेखौफ अंजाम दे रहे हैं। कर्नाटक के शिवमोगा में हर्षा की हत्या के बाद अब तेलंगाना के करमन घाट, दिलसुख नगर हैदराबाद में मंदिर में घुस कर गौरक्षक पर हुए जानलेवा हमले हुए हैं।
तुषार डोगरा ने तेलंगाना व महाराष्ट्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हिन्दू युवकों के विरुद्ध सरकारी दमन चक्र की भी भर्त्सना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें तुष्टीकरण की आड़ में इतनी अंधी हो गई हैं कि हिंसक जिहादियों की बजाय पीड़ित हिन्दू समाज के लोगों को ही गिरफ्तार कर रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि गौरक्षा और देश या धर्म की रक्षा करना भारत में क्या पाप है?
उन्होंने साफ कहा कि देशभक्तों का दमन और धर्मद्रोही व देशद्रोहियों से ममता अब और बर्दास्त नहीं की जा सकती। महाराष्ट्र व तेलंगाना जैसे राज्यों के कुछ राज नेताओं, पार्टियों व संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की इसी मानसिकता के कारण ही हिंसक लोगों का मनोवल बढ़ रहा है। हिन्दू समाज इसे कदापि स्वीकार नहीं करेगा।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह ये मामले तुरंत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दे। डोगरा ने कहा की विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल हिमाचल प्रदेश इकाई 28 फरवरी को सभी संगठनात्मक जिलों में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के दोषियों को फांसी की सजा और पीएफआई पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर डीसी और एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजेंगे।