करसोग में आने जाने वालों पर रहेगी तीसरी आंख की नजर, बस स्टैंड और सनारली में लगे सीसीटीवी कैमरे

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सर्विलेंस और मॉनिटरिंग में मिलेगी हेल्प, पुलिस पर बढ़ रहा काम का बोझ भी होगा कम
करसोग। करसोग में आने व जाने वालों पर हर समय तीसरी आंख की नजर रहेगी। उपमंडल में सनारली सहित बस स्टैंड में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ करसोग के प्रवेश द्वार तत्तापानी में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। अभी सनारली में 3 और करसोग के मुख्य बस स्टैंड में 2 कैमरे लगाए गए हैं। उपमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में लग रहे ये सीसीटीवी कैमरे एसपी ऑफिस मंडी से मिले हैं। इसके अतिरिक्त अन्य ऐसे क्षेत्रों में भी कैमरे लगाए जाने की प्लानिंग है, जहां पर अधिक भीड़ रहती है। इसके लिए भी करसोग पुलिस ने आग्रह किया है। पुलिस के लिए राहत की बात है कि सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने से सर्विलेंस और मॉनिटरिंग में मदद मिलेगी। इससे अब हर वक्त सड़क पर पहरा देने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में आने वाले समय मे पुलिस कर्मियों के कंधे पर लगातार बढ़ रहा काम का बोझ भी कम होगा। जिन क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, इसकी फुटेज हर वक्त पुलिस के पास उपलब्ध रहेगी। ऐसे में अगर कोई अपराध होता है या रात के समय लकड़ियों की तस्करी का मामला सामने आता है तो फुटेज उपलब्ध रहने से संदिग्ध लोगों को पकड़ने में सहायता मिलेगी। यही नहीं हर समय तीसरी आंख की नजर रहने से आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों में भी डर रहेगा। इससे क्राइम के बढ़ रहे मामलों में कमी लाई जा सकती है। इस तरह से भीड़भाड़ वाले इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का निर्णय पुलिस के लिए काफी सफल साबित होने वाला है।

इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) पर विचार:
करसोग में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) नहीं है। लेकिन लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक के दवाब को देखते हुए पुलिस भविष्य में इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने से भी इंकार नही किया है। यह एक ऐसी व्यवस्था होगी, जिसके जरिए शहर की ट्रेफिक व्यवस्था नियंत्रित की जा सकती है। ऐसे में बिना सीट बेल्ट के कार चलाने , हेलमेट न पहनने सहित अन्य ट्रैफिक नियमों को तोड़ा जाता है तो चालान सीधा घर पहुंचेगा।

डीएसपी गीतांजली ठाकुर का कहना है कि करसोग सब डिवीजन के लिए एसपी ऑफिस से सीसीटीवी कैमरे आये हैं, इन्हें सनारली सहित बस स्टैंड में लगाया गया है। तत्तापानी में भी कैमरे लगाए जा रहे है। उनका कहना है कि इन कैमरों से पुलिस को सर्विलेंस और मॉनिटरिंग में मदद मिलेगी।

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