छह दिन गुजारने पड़े बंकर में, पोलैंड के रास्ते पहुंचे स्वदेश
करसोग। युक्रेन खारकी नेशनल यूनिवर्सिटी में डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे शिवांश शर्मा रविवार को अपने घर चुराग पहुंच गए । रूस युक्रेन युद्ध के बीच फंसे शिवांश शर्मा ने घर पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि यूक्रेन खारकी में हालात बहुत खराब चल रहे हैं। हर तरफ़ बम धमाकों और सायरन की ही आवाजें गूंज रही हैं। भारत सरकार की मदद बड़ी मुश्किल हालातों में घर वापसी हुई है। उन्होंने बताया कि 6 दिन बंकर में रहकर गुजारने पड़े । दिनभर में सिर्ग 2 घण्टों के लिए कर्फ्यू में ढील दी जाती थी। उस दौरान वह कमरे में जाकर खाना बंकर में लाते थे। वहीं रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए 5 किलोमीटर पैदल सफर तय करना पड़ा। शिवांश ने बताया कि 18 से 19 घण्टे रेल में सफर करने के बाद वे पौलेंड के लवजी में पहुंचे, जहां से पौलेंड में भारत के राजदूत से संपर्क किया गया। जिस पर राजदूत ने पौलेंड की सीमा पार करवाने में उनकी मदद की। जहां से अगले दिन इंडिगो एयरलाइन से दिल्ली के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि रात को दिल्ली स्थित हिमाचल भवन में रात गुजारने के बाद रविवार को अपने घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि माता पिता ने उन्हें शिमला पहुंचकर रिसीव किया। वहीं शिवांश की माता आशा शर्मा व पिता राकेश शर्मा ने बेटे के स्कुशल घर पहुंचने पर प्रदेश सरकार व एसडीएम सन्नी शर्मा का आभार प्रकट किया है। जिनके प्रयासों से शिवांश शर्मा की घर वापसी संभव हो सकी है।
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