प्री-प्राइमरी हिमाचल प्रदेश–खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों की पांच दिवसीय मेंटरिंग कार्यशाला

कुल्लू। स्टार प्रोजेक्ट के तहत समग्र शिक्षा हिमाचल प्रदेश द्वारा खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों/खंड परियोजना अधिकारियों के लिए पूर्व-प्राथमिक शिक्षा व उसकी मेंटरिंग पर पांच दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन देव सदन कुल्लू के सभागार में किया गया  । यह कार्यशाला 13 मार्च को आरम्भ हुई और 17 मार्च, 2024  तक चली । कार्यशाला का आयोजन राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा, राजेश शर्मा के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य समन्वयक पूर्व-प्राथमिक श्री दिलीप वर्मा के मार्गदर्शन  में किया गया।

कार्यशाला का शुभारम्भ सहायक उपायुक्त, ज़िला कुल्लू शशिपाल नेगी ने किया तथा इस अवसर पर राज्य प्री-प्राइमरी समन्वयक दिलीप वर्मा, ज़िला परियाजना अधिकारी सुरेन्द्र शर्मा,  जिला प्री-प्राइमरी समन्वयक कविता गुलेरिया एवं प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के सदस्य भी उपस्थति रहे l इस कार्यशाला में सभी 12 जिलों  के लगभग 98 शिक्षा खंडों के खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी ने भाग लिया  | कार्यशाला में प्रतिभागियों का प्री-प्राइमरी कार्यक्रम से सम्बन्धित बच्चों को खेल विधि के माध्यम से पढ़ा रहे शिक्षकों को सहयोग यानि मेंटरिंग के विषय पर क्षमता विकास किया गया   |

विदित हो कि हिमाचल प्रदेश के सभी प्री-प्राइमरी  कक्षाओं को पढ़ा रहे  शिक्षकों की पांच विकास की गतिविधियों पर आधारित कार्यशालाएँ वर्तमान सत्र के दौरान पहले ही  विभिन्न स्तरों पर संपन्न की जा चुकी हैं |

खंड स्तर पर कार्यरत खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों को प्री-प्राइमरी कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना इस कार्यशाला का मुख्य लक्ष्य रहा।

कार्यशाला में पहले तीन दिनों में प्री-प्राइमरी बच्चों के साथ पांच विकास आधारित गतिविधियों पर प्रतिभागियों का क्षमता विकास किया गया | तत्पश्चात अगले दो दिनों में मेंटरिंग प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई | राज्य समन्वयक पूर्व-प्राथमिक (समग्र शिक्षा) दिलीप वर्मा  व प्रथम संस्था के फैसिलिटेटरस जोगिन्दर शर्मा, अशोक शर्मा, कुलदीप पुंडीर, लवनीश ठाकुर, जागृति शर्मा, पुरुषोत्तम ठाकुर, सुरेंदर शर्मा, इशिका और रंजना ने कार्यशाला को करवाने में रिसोर्स की भूमिका निभाई |

इस कार्यशाला में निरीक्षक के बजाय मार्गदर्शक की भूमिका निभाने पर बल दिया गया , जिससे शिक्षकों व मेंटर्स के बीच विश्वास पूर्ण वातावरण का निर्माण हो सके व छात्रों के सर्वांगीण विकास से संबधित कौशलों का विकास हो पाए ।

कार्यशाला का समापन जिलाधीश कुल्लू कुमारी तोरुल रविश ने किया । इस अवसर पर उन्होंने प्रारंभिक खंड शिक्षा अधिकारीयों/खंड परियोजना अधिकारियों से बेहतर और सुनियोजित ढंग से अनुश्रवण व माग्रदर्शन करने का आग्रह किया तथा उन्होंने इन अधिकारियों से नियमित रूप से पाठशालाओं में जाकर पूर्व-प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ अन्य प्रारम्भिक कक्षाओं के अध्यापकों के साथ सलाह-मशवरा कर शिक्षा की गुणवत्ता के लिए कार्य करने का आग्रह किया ।इस अवसर पर जिला परियोजना अधिकारी सुरेंदर शर्मा ने मुख्य अतिथि जिलाधीश कुल्लू कुमारी तोरुल रविश, राज्य परियोजना कार्यालय में राज्य समन्वयक पूर्व-प्राथमिक दिलीप वर्मा और प्रथम संस्था के स्त्रोत समन्वयकों जोगिंदर शर्मा, अशोक शर्मा, कुलदीप पुंडीर, लवनीश ठाकुर, जागृति शर्मा, पुरुषोत्तम ठाकुर, सुरेंदर ठाकुर, इशिका और रंजना का कार्यशाला के सफल संचालन व मार्गदर्शन के लिए आभार प्रकट किया । राज्य समन्वयक पूर्व-प्राथमिक (समग्र शिक्षा) दिलीप वर्मा ने मुख्य अतिथि कुमारी तोरुल रविश, जिला परियोजना अधिकारी सुरेंदर शर्मा, जिला समन्यवक पूर्व-प्राथमिक कविता गुलेरिया एवं डाइट के अन्य प्राध्यापकों व अन्य कर्मचारियों और सभी प्रतिभागियों का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया | उन्होंने खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों/खंड परियोजना अधिकारियों से पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं में नामांकन बढ़ाने के लिए खंड स्तर पर जागरूकता पैदा करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करने का आग्रह किया तथा इन सबसे पूर्व-प्राथमिक कार्यक्रम में शिक्षकों को अपना मार्गदर्शन, सहयोग व प्रोत्साहन देने का आग्रह किया | कार्यशाला के अंत में मुख्य अतिथि द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किये गए |

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