शिमला। सभी सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जाएंगी। वीरवार को सचिवालय में समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने यह जानकारी दी। कहा कि सरल भाषा में नर्सरी-केजी के बच्चों के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। अगले साल से छठी कक्षा से विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा देने का प्रयास किया जाएगा। कोरोना संकट में विद्यार्थियों की शैक्षणिक गतिविधियां बाधित न हों, इस दिशा में कई प्रयास किए हैं।अध्यापकों ने बच्चों को ऑनलाइन शैक्षणिक सामग्री से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। महामारी के दौरान भी वर्ष 2020-21 में प्रदेश के तीन हजार 840 विद्यालयों में 28 हजार 430 बच्चों ने प्री-प्राईमरी के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवाया है।उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रदेश के लगभग सभी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे। नए शैक्षणिक सत्र में प्री-प्राइमरी स्कूलों में बच्चों का पंजीकरण बढ़ाने को प्रयास किए जाएंगे।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी जिलों में तीन से चार वर्ष के बच्चों की पहचान कर उन्हें सूचीबद्ध करें। प्री-प्राइमरी के विद्यार्थियों के लिए नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। बच्चों को सरल भाषा में शिक्षा दी जाएगी। प्रदेश में 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है। नई शिक्षा नीति में भी व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है। अगले सत्र में छठी कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को विद्यालयों में व्यावसायिक प्रशिक्षण को और अधिक नवाचार आधारित बनाने के निर्देश दिए। प्रदेश में बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है। प्रदेश में 13 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की संख्या को और अधिक बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।