दुर्गा पूजा सीजन भी हिमाचल पर्यटन उधोग के हाथ से खिसका

शिमला। दुर्गा पूजा हॉलीडेज के दौरान बंगाल तथा गुजरात के पर्यटकों का बहुत बड़ा योगदान रहता है।इस बार हावड़ा से कालका ट्रैन न चलने के कारण इसका सीधा असर होटलों तथा अन्य पर्यटन से जुड़ी इकाइयों पर पड़ा है। हर वर्ष इस दौरान होटलों की ऑक्यूपेंसी 70 %से 80 % तक रहती थी परंतु इस वर्ष यह घट कर 15 % से 20% तक राह गई है। दुर्गा पूजा के दौरान सबसे अधिक पर्यटक west बंगाल से हिमाचल आते है तथा शिमला तक रेल संपर्क होने के कारण यह पर्यटक अपनी हिमाचल की यात्रा शिमला से ही प्रारंभ करते है।बंगाल से आने वाले पर्यटक बहुत ही व्यवस्थित पर्यटक है वह अपना पूरी यात्रा प्रारंभ करने से पहले ही पूरी बुकिंग्स जैसे अपनी टिकट्स बुकिंग,होटल बुकिंग तथा घुमने के लिए सभी व्यवस्ता करके ही आते है। पर्यटन वयवसाय को COVID के कारण गर्मियों के सीजन गँवाने के बाद बंगाल से टूरिस्टों के शिमला न आने के कारण एक और बड़ा झटका लगा है। हमने काली बड़ी की मनागमेंट से जुड़े कुछ व्यक्तियों से बात की तथा उनका कहना है कि बंगाल से पर्यटकों की शिमला की और रुख न करने तथा COVID महामारी के मध्य नजर काली बड़ी मैनेजमेंट ने मार्च 2021 तक पर्यटकों के लिए कमरे न खोलने का फैसला लिया है।
इसी प्रकार दीपावली के आस पास नवरात्रि हॉलीडेज के दौरान गुजरात से पर्यटकों का आगमन का हिमाचल की होटलों की ऑक्यूपेंसी बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान रहता है। इस सीजन के दौरान गुजरात से बहुत से ग्रुप हिमाचल की और रुख करते है। हमारी बात गुजरात ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन से हुई तो उन्होंने बताया कि SOP के हिसाब से माजूदा निर्धारित बसों की सिटिंग कैपेसिटी के कारण हिमाचल के पैकेज का रेट दोगुना हो जाता है ।इसी लिए ग्रुप्स को हिमाचल में लाना viable नही है।इसका भी सीधा असर आने वाले नवरात्रि हॉलीडेज के दौरान हिमाचल के पर्यटन उद्योग पर पड़ेगा क्योंकि दीपावली के दौरान गुजरात तथा महाराष्ट्र से बहुत अधिक मात्रा में पर्यटक हिमाचल में घूमने आते हैं। गुजरात ट्रेवल एजेंट्स का तर्क है वह रास्ते मे कोई और सवारी को नही बैठते जो पर्यटक गुजरात से चलतें है वही पर्यटक गुजरात वापिस उसी में जातें है। यदि बसों में उत्तराखंड की तर्ज पर 100% सीटिंग कैपेसिटी पर चलाने की अनुमति दी जाए तभी ग्रुप्स को हिमाचल में लाना vible हो सकता है।हमारा सरकार से अग्रये है कि टूरिस्टों के लिए बसों की सिटींग कैपेसिटी उत्तराखंड की तरह 100% निर्धारित की जाए ताकि आने वाले समय मे गुजरात से आने वाले ग्रुप्स हिमाचल का रुख कर सके तथा कुछ न कुछ गुजरात से आने वाले टूरिस्टों का लाभ हिमाचल के पर्यटन से जुड़े कारोबारियों को मिल सके। इसके इलावा रोड तथा एंट्री टैक्स में भी टूरिस्ट वाहनों को छूट दानी चाहिए ताकि घरेलू पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।हिमाचल में गर्मियों के सीजन का प्रारंभ मार्च के महीने से गुजरात तथा महाराष्ट् से आने वाले पर्यटकों से ही होता है। यदि समय रहते उचित कदम न उठाएं गए तो आने वाले गर्मियों के सीजन पर भी इसका असर पड़ सकता है।क्योंकि अभी से
गुजरात के ट्रेवल एजेंट्स अपने पैकेज फ्लोट करतें तथा पब्लिसिटी शुरू करते है।
हिमाचल के पर्यटक उद्योग पहले ही बहुत मार झेल रहा है ।होटलों की ऑक्यूपेंसी बहुत ही कम चल रही है इसी कारण होटलों के फिक्स्ड खर्चे भी निकल नही पा रहे है।हमारा सरकार सेअनुरोध है कि सभी पर्यटन इकाइयों को स्टेट कॉपरेटिव बैंक के माध्य्म से बिना किसी शर्त के वर्किंग कैपिटल लोन मोहईया करवाये जाए, आने वाले मार्च 2021 तक प्रॉपर्टी टैक्स में छूट दी जाए,गार्बेज फी को प्रति कमरे के हिसाब से घरेलू दर पेर वसूला जाए, बिजली के बिलों में लगने वाले फिक्स्ड डिमांड चार्जेज माफ् किये जायें तथा सभी प्रकार की फीस से मुक्त किया जाए । इसके अलावा लोकडौन पीरियड की गार्बेज फी तथा प्रॉपर्टी टैक्स तुरंत माफ की जाए। यदि समय रहते होटल तथा अन्य पर्यटक इकाइयों को सरकार द्वारा मदद न कि गई तो पर्यटन इकाईयों की बन्द होने की नौबत आ सकती है।

 

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