करसोग। जीरो लागत प्राकृतिक खेती के माध्यम से पारंपरिक अनाज को जीवित रखने के उद्देश्य से हिम आरआरए संस्था द्वारा लोगों को पुराने आनाज के बीज वितरित किए जा रहे है। इसी के तहत इंटरनेशनल एयर ऑफ द मिलेट्स के अंतर्गत बालिंडी पंचायत के तहत गांव अल्याड में एक दिवसीय पोस्टिक बीज वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। एक दिवसीय बीज प्रशिक्षण कार्यशाला में महिला मंडल अल्याड व नारी शक्ति महिला मंडल अलसिंडी की महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर सोम कृष्ण गौतम ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की।
इस अवसर पर अलसिंडी,अल्याड़, सेरकड़ी,दडेली, धारली, शमलौट और नगालठा गांव के किसानों को कोदा, काउणी और कुटकी के बीज वितरित किए गए।
सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर सोम कृष्ण गौतम ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों और महिला मंडलों का आभार प्रकट किया। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान पारंपरिक अनाजों को सुरक्षित करने और इसकी खेती करने के तरीके बताए। उन्होंने बताया कि आज के दौर में पुराने अनाजों को जीवित रखने की आवश्यकता है। सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के माध्यम से पारंपरिक अनाजों को बचाया जा सकता है। कोदा, काउणी और कुटकी जैसे पुराने अनाजों में अनेकों गुण है जोकि हमारी सेहत के लिए लाभदायक है। उन्होंने लोगों से प्राकृतिक खेती के साथ-साथ अपनी पारंपरिक बीजों की खेती करने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर महिला मंडल अल्याड़ की अध्यक्ष शान्ता देवी, महिला मंडल अलसिंडी की अध्यक्ष ममता, किसान परमा नंद, लाभ सिंह, प्रेमी देवी,बिता, पार्वती, विनती देवी, तारावती, निशा देवी, अमिला, रमा देवी, लतू वर्मा, दासी देवी, हिमा, सेमी, मीना देवी,ममता, लता देवी और कांता देवी मौजूद रहे।