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संसद का मानसून सत्र विपक्ष ने अपनी ओछी राजनीति व अराजकता से धोया: अनुराग सिंह ठाकुर

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हिमाचल प्रदेश: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने आज संसद के मॉनसून सत्र की समाप्ति पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि संसद का यह मानसून सत्र विपक्ष ने अपनी अराजकता के चलते जनहित मुद्दों पर चर्चा की बजाय अपनी ओछी राजनीति का अड्डा बनाने का काम किया है।

अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने सदा से ख़ुद को हर संवैधानिक संस्था, संसद व देश से ऊपर माना है। कांग्रेस ने राष्ट्रहित की बजाय स्वहित को ही सदा प्राथमिकता दी है और इसी का परिणाम है कि उन्होंने संसद के मानसून सत्र में पूरे समय चर्चा से भागने व कार्यवाही को अवरुद्ध करने का काम किया।

संसद का समय अमूल्य होता है और इसका उपयोग लोकहित में हो, यह सत्ता पक्ष व विपक्ष की सामूहिक ज़िम्मेदारी होती है। दुर्भाग्य से विपक्ष ने संसद के इस मानसून सत्र को जनहित की बजाय अपनी ओछी राजनीति चमकाने के लिए इस्तेमाल किया और संसद के मानसून सत्र को धो दिया। विपक्ष ने इस सत्र में न सिर्फ संसद का समय बर्बाद किया बल्कि देश के करदाताओं का भी अपमान किया है। ये लोग संविधान की किताब तो पकड़ते हैं, लेकिन संविधान को मानते नहीं हैं। संसद में विपक्ष न सिर्फ चर्चा से बल्कि अपनी ज़िम्मेदारी से भी भागा।”

अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, “आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ओर स्वयं को कानून के दायरे में लाने का संविधान संशोधन पेश किया, तो दूसरी ओर कानून के दायरे से बाहर रहने व कुर्सी का मोह न छोड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में पूरा विपक्ष इस क़ानून के ख़िलाफ़ खड़ा रहा। कांग्रेस पार्टी शुरू से ही राजशाही मानसिकता का शिकार रही है। वो ख़ुद को देश के क़ानून से ऊपर समझते हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री, मंत्री, मुख्यमंत्रियों को ही कानून के दायरे में लाने का प्रयास कर रही है, जो इनसे देखा नहीं जा रहा। कांग्रेस पार्टी सवाल तो करना चाहती है, मगर खुद जवाबदेही से बचना चाहती है।”

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