बिजली दरें बढ़ाने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक


शिमला। कोरोना काल में हिमाचल में बिजली दरें बढ़ाने के मामले में गुरुवार को भोजनावकाश के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक चली रही। विपक्ष ने कोरोना काल में दरें बढ़ाने को अनुचित करार दिया तो सत्ता पक्ष के विधायक बोले कि कांग्रेसी अपना समय भी याद करें। फुटकर शुल्क अगर ज्यादा लिया जा रहा है तो सरकार इसकी जांच करेगी। कोई गलती हुई तो इसमें सरकार सुधार करेगी। मंत्री बोले कि कांग्रेस कार्यकाल से दरें कम बढ़ाई गई हैं। एक साल बाद समीक्षा करेंगे कि बढ़ी हुई दरों को जारी रखें या नहीं।
कांग्रेस विधायकों ने बिजली की दरें बढ़ाने के मामले में नियम 130 के तहत चर्चा लाई। गुरुवार को चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन सिंह चैहान ने कहा कि संसार कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है। हर चीज का प्रभाव आम आदमी पर पड़ा है। लॉकडाउन से सारा कारोबार बंद है और रोजगार के साधन बंद हो गए हैं। बिजली के दाम भी निरंतर बढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि गरीबों को राहत दो और बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी को वापस लिया जाए। कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा कि छोटे कारोबारी, ढाबे और होम स्टे चलाने वालों पर भारी बिजली बिल की मार पड़ रही है। फुटकर शुल्क बहुत ज्यादा है। चर्चा में कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा, सुंदर सिंह ठाकुर, इंद्रदत्त लखनपाल, जगत सिंह नेगी ने भी हिस्सा लिया। वहीं, भाजपा विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में ही बिजली के दाम ज्यादा बढे़ हैं। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि हिमाचल सरकार ऊर्जा नीति में अपेक्षित बदलाव कर रही है। कांग्रेसियों ने हिमाचलियों के हित बेच दिए थे, जयराम सरकार इन्हें सुरक्षित कर रही है। हिमाचल पावर स्टेट जरूर है, पर यहां बहुत खर्चे हो रहे हैं। बिल बढ़ने के मामले में जांच करवाएंगे। कांग्रेस के समय में भी बिजली सरप्लस थी और उस वक्त भी बिजली के रेट बढ़ाए गए। जयराम सरकार ने पिछली सरकार से कम ही रेट बढ़ाए हैं।

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