श्री देव शंकर के पहुंचते ही अलसिंडी में देवमयी हुआ माहौल

 

करसोग। दशहरा उत्सव के मौके पर अलसिंडी में श्री देव शंकर पहुंचे। लक्ष्मी नाट्य निकेतन अलसिंडी की ओर से दशहरा उत्सव का आयोजन किया गया। श्री देव शंकर का आगमन होते ही अलसिंडी में माहौल देवमयी हो गया। कोरोना के चलते पिछले वर्ष दशहरा उत्सव नहीं हो पाया था ऐसे में अलसिंडी के लोगों को देवता श्री देव शंकर के यहां पधारने पर खासा उत्साह देखने को मिला।
श्री देव शंकर के पहुंचते ही दशहरा उत्सव का शुभारंभ हुआ। इसके पश्चात दिन भर लोगों ने देवता का आशीर्वाद प्राप्त किया। साथ ही लोगों ने कोरोना से बचने के लिए भी देवता श्री देव शंकर से गुहार लगाई।इस अवसर पर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

लक्ष्मी नाट्य निकेतन अलसिंडी के अध्यक्ष मानसिंह वर्मा एवं सचिव कृष्ण लाल शर्माने बताया कि अलसिंडी में हर वर्ष दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा सीता वनवास पर आधारित नाटक का भी मंचन किया जाता है। उन्होंने दशहरे के सफल आयोजन के लिए सभी गांववासियों का आभार प्रकट किया खासकर युवाओं ने जिस तरह से इस धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपना योगदान दिया है यह अपने आप में युवा पीढ़ी के लिए संदेश है। उन्होंने देवता श्री देव शंकर और देवता के साथ आये सभी देवलुओं का आभार प्रकट किया। मानसिंह वर्मा ने बताया कि युवक मंडल अलसिंडी एवं लक्ष्मी नाट्य निकेतन के सौजन्य से समय-समय पर खेल,सांस्कृतिक,धार्मिक एवं स्वछता से जुड़े कार्य किये जाते है।इससे युवा वर्ग जहां नशे जैसी बुराई से दूर रहता है वहीं इससे अपने रीति -रिवाजों एवं सामाजिक गतिविधियों के बारे में भी सीखने को मिलता है। उन्होंने गांव की महिलाओं का भी सहयोग देने के लिए आभार जताया है।
इस अवसर पर लक्ष्मी नाट्य निकेतन के अध्यक्ष मान सिंह, सचिव कृष्ण लाल शर्मा, कर्ण कवर, चुन्नीलाल, बृजलाल, पुकार सिंह, हरीश, भवनीश, भीम सिंह, पुनीत कुमार, रमेश कुमार, लाभ सिंह, पवन, तनीश, पंकज, दिनेश, रमेश, देवानंद, रेवा दास, जयकुमार, सोम कृष्ण,ललित, परमानंद,दिनेश कुमार, डाबर वर्मा, वीरेंद्र कुमार, मोहन सिंह,नरेश, राजेंद्र कंवर, चेतराम एवं टेकचंद सहित सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।

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