केंद्र सरकार पहले वापस लेती तीन कृषि कानूनों को तो सैकड़ों किसानों की न जाती जान: निर्मला चौहान

करसोग। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सचिव व पूर्व जिला परिषद सदस्य बगशाड वार्ड निर्मला चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानून वापस लेने घोषणा की है, ये देशभर के किसानों के संघर्ष व बलिदान की जीत है। उन्होंने कहा है कि इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से सिद्ध हो गया है कि मोदी सरकार बेक फुट पर आ गई है और सरकार का अभिमान भी टूट गया है। निर्मला चौहान ने कहा की आजादी से पहले भी अन्नदाता ने अंग्रेजों को काले कानून वापस लेने पर मजबूर किया था और अब किसानों ने शांतिपूर्वक आंदोलन कर मोदी सरकार का गुरुर तोड़ा है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में भाजपा को हिमाचल सहित अन्य कई राज्यों में जनता ने करारा जवाब दिया है। अब अगले कुछ महीनों में पंजाब सहित अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में मोदी सरकार को हार से बचाने के लिए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में 3 विधानसभा सीटों व एक लोकसभा सीट के उपचुनाव में किसानों व बागवानों ने मोदी सरकार को अपनी वोटों की ताकत दिखाई है। जिस कारण सही मायनों में लोकतंत्र की जीत हुई है और किसान विरोधी सरकार को मुंह की खानी पड़ी है। उन्होंने कहा अगर केंद्र सरकार एक साल पहले ही तीनों कानूनों को वापस ले लेती तो 600 से अधिक किसानों को इस आंदोलन के दौरान अपनी जान न गंवानी पड़ती। यही नहीं केंद्र सरकार किसानों का दर्द समझने के बजाय मोदी सरकार के मंत्री इस कानून के फायदों को समझाने में लगे रहे। जिसका जवाब देश के किसानों में उप चुनाव में दिया है। निर्मला चौहान ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने को किसानों की जीत बताया है।

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