डेंटल कॉलेज में बीडीएस सप्लीमेंट्री की शुरू हुई परीक्षाएं

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शिमला। शिमला के डेंटल कॉलेज में मंगलवार से सप्लीमेंट्री की परीक्षाएं शुरू हो चुकी है। इस दौरान पहले दिन लगभग 15 विद्यार्थियों ने परीक्षाएं दी है। वहीं दूसरे दिन के लिए लगभग 30 विद्यार्थी परीक्षा देंगे। कोरोना के नियमों का पालन करते हुए अस्पताल प्रशासन दो शिफ्टों में परीक्षाएं करवा रहा है। कोविड से पहले यह परीक्षाएं 10 से 1 बजे तक करवाई जाती थी। वहीं अब इन परीक्षाओं को 10 से एक तो दूसरी शिफ्ट में 2 से 5 बजे करवाया जा रहा है। गौर रहे कि पहले यह परीक्षा 19 अप्रैल को होनी थी, परंतु कोविड के मामले बढऩे के कारण परीक्षाओं को स्थगित किया गया। अब मामले कम हो चुके हैं, इसलिए परीक्षाएं करवाई जा रही है। परीक्षा के दौरान यूजीसी के प्रोटोकॉल, डेंटल काउंसिल के प्रोटॉकॉल, यूनिवर्सिटी के प्रोटॉकॉल, मिनिस्ट्री ऑफ हैल्थ और एनएचएम के प्रोटॉकॉल का अनुसरण किया जा रहा है। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान, रखना, एग्जाम से पहले सैनेटाइज आदि करना सभी चीजें कॉलेज प्रशासन द्वारा करवाई जा रही है। इसके साथ ही विद्यार्थियेां के प्रेक्टिकल किस प्रकार करवाए जाने है, यह आगामी समय में मामलों के हिसाब से तय किया जाएगा।
6 जुलाई से एमडीएस की होंगी रेगुलर परीक्षाएं
डेंटल कॉलेज में 6 जुलाई से एमडीएस की रेगुलर परीक्षाएं शुरू की जाएंगी। जबकि बीडीएस की 5 जुलाई को परीक्षाएं खत्म होंगी। जिसमें फस्र्ट और फाइनल के विद्यार्थियों की 11 जुलाई तक परीक्षाएं चलेंगी।
कोविड विद्यार्थियों के लिए अलग से होगा एग्जामिनेशन सेंटर
यदि कोई भी विद्यार्थी कोविड पॉजीटिव होता है तो उसे पीपीई किट पहनाकर अलग से एग्जामिनेशन सेंटर में बिठाया जाएगा।  ऐसे विद्यार्थियों के लिए मशोबरा में सेंटर बनाया जाएगा। गौर रहे कि पहले भी कोविड वाले बच्चों की परीक्षाएं मशोबरा में करवाई गई थी। इसके साथ ही जरूरी होने पर एग्जामिनर को बच्चे के रहने के स्थान पर भेजा जा सकता है। जिससे कि एग्जाम सही तरीके से कंडक्ट हो सकें और बच्चों को भी कोई परेशानी न आए।
कोट
बीडीएस सप्लीमेंट्री की परीक्षाएं शुरू हो चुकी है, वहीं 6 जुलाई से एमडीएस की रेगुलर परीक्षाएं भी होंगी। इन परीक्षाओं को कोविड नियम के साथ दो शिफ्टों में करवाया जा रहा है। वहीं यदि कोई विद्यार्थी पॉजीटिव आता है तो उसके लिए मशोबरा में एग्जाम करवाए जाएंगे या फिर अन्य व्यवस्था की जाएगी। जिससे कि कोई परेशानी न आए और परीक्षाएं भी हो सकें।
-डॉक्टर आशु गुप्ता, प्रिंसीपल, डेंटल कॉलेज शिमला।

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