16 महीने बाद खुल सकता है आईजीएमसी का ई-ब्लॉक आईजीएमसी की कोर कमेटी में होगा फैसला

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शिमला। जिला शिमला में कोरोना के मामले कम होते जा रहे हैं, जिसके चलते अब कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए सेंटर आदि को अन्य मरीजों के लिए खोला जा रहा है। जानकारी अनुसार अब प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में केवल 15 मरीज ही कोरोना संक्रमण के दाखिल हैं। जहां पहले इनकी संख्या 300 को पार कर चुकी थी, वहीं अब मामलों में काफी गिरावट आई है। गौर रहे कि कोरोना मरीजों के लिए आईजीएमसी में ई-ब्लॉक को कोविड मरीजों के लिए सबसे पहले खोला गया था। जो कि बीते साल से केवल कोरोना मरीजों के लिए ही है, वहीं अब इसे खोलने की तैयारी चल रही है। इसका फैसला मंगलवार को होने वाली कोर कमेटी की बैठक में लिया जाएगा। जानकारी अनुसार कोविड के शुरूआती समय यानि मार्च 2020 से ही कोरोना मरीज इस ब्लॉक में दाखिल हैं। हालांकि उसके बाद न्यू ओपीडी ब्लॉक और मेकशिफ्ट अस्पताल को भी कोविड मरीजों के लिए बनाया गया था, जिससे कि कोरोना मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न आए। वहीं अब कोरोना के मामले कम होने से अस्पताल में कोरोना के नए मरीज कम ही दाखिल हो रहे हैं। जिससे कि अब न्यू ओपीडी ब्लॉक के साथ ही मेकशिफ्ट भी खाली हो चुका है। इसके साथ ही अस्पताल का ई-ब्लॉक को भी अन्य विभागों के लिए लगभग सोलह महीने बाद खोला जा सकता है। अब जल्द ही ई-ब्लॉक में विभागों को शिफ्ट कर दिया जाएगा, जिससे कि मरीजों को कोई परेशानी न आए। हालांकि कोविड की तीसरी लहर को लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी है। जिसको देखते हुए ई-ब्लॉक में अभी साइकेट्री आदि के जो विभाग बिठाए गए थे, उसके मरीजों को वहां रखना संक्रमण को न्योता दे सकता है। अब यह साइकेट्री व अन्य विभागों के लिए खोला जाएगा या नहीं इसका फैसला आज होने वाली बैठक में लिया जाएगा।
केवल दो फ्लोर हैं कोविड मरीजों के लिए
आईजीएमसी अस्पताल के ई-ब्लॉक में अब केवल दो ही फ्लोर कोरोना मरीजों के लिए रखे गए हैं। जिसमें अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें पूरी सुविधा प्रदान की जा रही है। गौर रहे कि कोरोना मरीजों की जानकारी उनके तीमारदारों तक पहुंचाने के लिए कोविड वॉर्ड के बाहर भी डॉक्टरों को बिठाया गया है, जिससे कि मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी परिवारजनों को मिलती रहे।
आईजीएमसी के ई-ब्लॉक को खोला जाएगा या नहीं इसका फैसला आज होने वाली कोर कमेटी की बैठक में लिया जाएगा। हालांकि कोविड मरीजों के लिए बनाए गए इस ब्लॉक में साइकेट्री व अन्य मरीजों को रखना अभी सही नहीं है।
-डॉ सुरेंद्र सिंह, प्रिंसीपल आईजीएमसी शिमला।

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