शिमला। हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राध्यापक संघ (एचजीसीटीए) के आह्वान पर पंजाब फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स द्वारा जारी आंदोलन के समर्थन में 19 जुलाई को प्रदेश भर के सभी महाविद्यालयों में अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के परीक्षा पत्रों का मूल्यांकन कार्य पूर्णरूप से स्थगित रहा। एचजीसीटीए के अध्यक्ष डॉ धर्मवीर सिंह ने कहा कि 20 जुलाई को भी मूल्यांकन कार्य नहीं किया जाएगा। वहीं प्राध्यापक संघ के महासचिव डॉ रामलाल शर्मा ने कहा कि 21 जुलाई से यद्यपि मूल्यांकन कार्य फिर से शुरू हो जाएगा, लेकिन पंजाब सरकार द्वारा नए वेतन आयोग के साथ महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों के अध्यापकों के लिए सातवें यूजीसी पे-स्केल लागू न करने के निर्णय के खिलाफ प्रदेश के सभी प्राध्यापक काले बिल्ले लगाकर अपना विरोध जारी रखेंगे। प्रदेश के हरेक ज़िले में आंदोलन का खासा असर देखा गया। सभी महाविद्यालयों में प्राध्यापक संघ की स्थानीय इकाइयों द्वारा पंजाब सरकार के भेदभावपूर्ण निर्णय के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किए गए, जिनमें प्रदेश सरकार से भी पंजाब सरकार पर दबाव बनाने की अपील भी की गई है। इसके अलावा सरकार से यूजीसी के दिशा निर्देशों के अनुसार प्राध्यापकों को सभी लाभ देने तथा अन्य अनेक लंबित मांगों को पूरा करवाने संबंधित प्रस्ताव भी पारित किए गए।