लोकमित्र केंद्रों की खुली लूट, 27 रुपए और 39 रुपए में बनने वाले सर्टिफिकेटों के वसूली जा रही 70 से 100 रुपए फीस, प्रशासन ने दिखाई सख्ती

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करसोग। लोकमित्र केंद्रों में सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर खुली लूट मची है। करसोग उपमंडल में कुछ लोकमित्र केंद्रों में एक सर्टिफिकेट बनाने पर लोगों से 70 से लेकर 100 रुपए फीस चार्ज की जा रही है, जबकि सरकार ने यही फीस 27 रुपए और अधिकतम 39 रुपए निर्धारित की है। इस मनमानी को लेकर लोगों ने प्रशासन से शिकायत की है। जिसमें लोकमित्र केंद्रों के संचालकों पर मनमानी फीस वसूलने का आरोप लगाया गया है। जिस पर प्रशासन ने कड़ा संज्ञान लेते हुए भविष्य में लाइसेंस रद्द करने के आदेश जारी कर दिए हैं। यही नहीं प्रशासन ने सर्टिफिकेट बंनाने को लेकर तय की गई दरों की सूची भी साथ ही में जारी कर दी है। इस बारे में शुक्रवार को ऑफिस आर्डर भी जारी हो गए हैं। इसके मुताबिक लोकमित्र केंद्रों में सर्टिफिकेट बनाने के लिए सरकार ने दो तरह के रेट तय किए है। इसमें अगर कोई व्यक्ति अपने स्तर पर आवेदन करता है तो उसे कुल 27 रुपए फीस देनी होगी। जिसमें लोकमित्र केंद्रों में 10 रुपए प्रोसेसिंग फीस सहित 7 रुपए अलग से चार्ज किए जाएंगे, जोकि सरकार के खाते में जाएंगे। इसके अलावा सर्टिफिकेट बनाने पर 10 रुपए और लिए जाएंगे। इसमें 7 रुपए जिला स्तर पर ई गवर्नेस सोसायटी के खाते में जमा होंगे, जबकि 3 रुपए आईटी डिपार्टमेंट को जाएंगे। इस तरह अगर कोई भी व्यक्ति लोकमित्र केंद्र के माध्यम से सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करता है तो इसके लिए सभी तरह के चार्ज को मिलाकर अधिकतम 39 रुपए फीस वसूली जा सकती है। लेकिन लोगों ने मनमानी फीस वसूले जानी की शिकायत की है। जिस पर प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए अधिक फीस वसूली पर लाइसेंस रद्द करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

तहसीलदार राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि प्री जनमंच कार्यक्रम के दौरान शिकायतें आई है कि लोकमित्र केंद्रों के संचालक एक सर्टिफिकेट बनाने के 70 से 100 रुपए चार्ज कर रहे हैं। सरकार ने इस बारे में दो प्रकार के रेट तय किए हैं। जो 27 रुपए और अधिकतम 39 रुपए चार्ज किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी से अधिक फीस चार्ज की जा रही है तो मामले को प्रशासन के संज्ञान में लाएं। इस पर कार्रवाई करते हुए ऐसे लोकमित्र केंद्रों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे। इस बारे में आदेश जारी किए गए हैं।

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