डाॅ. राजीव सैजल ने मुकेश अग्निहोत्री पर राजनैतिक मर्यादाओं को लांघकर अनर्गल बयानबाजी करने का लगाया आरोप

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शिमला। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री पर राजनैतिक मर्यादाओं को लांघकर अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और सम्पूर्ण विपक्ष प्रदेश सरकार की लोकप्रियता से घबराकर जनसभाओं में आधारहीन और अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
 डाॅ. राजीव सैजल ने कोरोना बंदिशों के कारण मन्दिर बन्द रखने पर मुकेश अग्निहोत्री के व्यक्तव्य को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना संकट को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। सरकार के प्रयासों के कारण ही कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में इस महामारी को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई।
उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री कोरोना महामारी जैसे संवेदनशील मुद्दे की आड़ में भी राजनीति करने का असफल प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश की जनता तथ्यों से भली-भांति परिचित है और विपक्ष के नेता आधारहीन बयानबाजी से जनता को गुमराह नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री संयम और सम्मान की भाषा का प्रयोग करने के बजाय मर्यादाओं को लांघकर प्रदेश की संस्कृति और पंरम्पराओं का अपमान कर रहे हैं। राजनैतिक प्रतिद्वंदियों के बारे में अनैतिक भाषा का प्रयोग करना हिमाचल की संस्कृति के अनुरूप नहीं है।
डाॅ. राजीव सैजल ने मुकेश अग्निहोत्री को शिष्टाचार और गरिमापूर्ण भाषा का प्रयोग करने का परामर्श देते हुए कहा कि उन्हें कोरोना जैसे संवेदनशील मुद्दे की आड़ में राजनीतिक रोटियां सेेकने से गुरेज करना चाहिए क्योंकि प्रदेश के हित में ही सबका हित है। राज्य सरकार प्रदेशवासियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य ने कोरोना टीकाकरण में देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया है और अब प्रदेश 15 से 18 वर्ष आयु के किशोरों का टीकाकरण भी रिकाॅर्ड समय में पूर्ण करने की ओर अग्रसर है। विपक्ष के नेताओं को संवेदनशील मुद्दों का राजनीतिक लाभ लेने के बजाय सरकार के प्रयासों की सराहना करनी चाहिए। प्रदेश तथा प्रदेशवासियों का हित और कल्याण सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री जैसे नेता को अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के बजाय राजनीतिक परिपक्वता और शिष्टाचार का उदाहरण प्रस्तुत कर कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों की खुले मन से सराहना करनी चाहिए।

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