करसोग। प्रदेश में अभी तक लगातार बनी सूखे की स्थिति से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। जिला मंडी में बारिश न होने से 3,046 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है। कृषि विभाग ने रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी है। रबी सीजन में करसोग सहित 10 ब्लॉकों में 74,100 हेक्टेयर पर गेहूं , जौ, चना सहित आलू व सब्जियों की बिजाई की गई है। इसमें सूखे से 3,046 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है। जिसमें 2, 445 हेक्टेयर में फसलों को 33 फीसदी से कम और 600 हेक्टेयर में फसलों को 33 फीसदी से अधिक का नुकसान पहुंचा है। जिसका असर उत्पादन पर पड़ सकता है। कृषि विभाग ने रबी सीजन में अनुमानित 1326 मीट्रिक टन पैदावार लक्ष्य रखा था, लेकिन पिछले करीब डेढ़ महीने से बारिश न होने की वजह 401 मीट्रिक टन गुणवत्ता उत्पादन प्रभावित हुआ है। ऐसे में सूखे से किसानों की मुश्किलें और अधिक बढ़ गई। करसोग सहित जिला में किसानों ने बैंकों से लोन लेकर बीज खरीदने पर लाखों रुपए खर्च किए हैं, लेकिन फसलें मुरझा जाने से किसानों को कृषि पैदावार लेने पर आई लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में नुकसान की भरपाई को लेकर परेशान किसानों की नजर सरकार पर टिकी हैं। उधर मौसम विभाग ने 13 और 14 अप्रैल को बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक बुधवार को मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश और गर्जना के साथ छींटे पड़ सकते है, जबकि मध्यम ऊंचाई और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिकतर स्थानों पर बारिश और गर्जना के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई गई है।
62 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की बिजाई:
रबी सीजन में गेहूं ली जाने वाली प्रमुख फसल है। जिला में सबसे अधिक 62 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की बिजाई की गई है। इसमें सूखे से 2,721 हेक्टेयर में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके अतिरिक्त 3 हजार हेक्टेयर में जौ की बिजाई हुई है, लेकिन सूखे स 150 हेक्टेयर में जौ की फसल को नुकसान हुआ है। इसी तरह से नकदी फसलों में 6,440 हेक्टेयर पर सब्जियों का पैदावार ली जा रही है। इसमें 157 हेक्टेयर में सब्जी की फसल को नुकसान हुआ है। जिला में 1,280 हेक्टेयर पर आलू की बिजाई की गई है। जिसमें 18 हेक्टेयर पर सूखे की मार पड़ी है।
कृषि विभाग जिला मंडी के उपनिदेशक डॉ राजेश डोगरा का कहना है कि सभी ब्लॉकों में सूखे से फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी है। उन्होंने कहा कि सूखे की स्थिति को देखते हुए फील्ड अधिकारियों को हर सप्ताह नुकसान की रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए गए हैं।