खनन माफिया पर शिकंजा कसने वाले एसडीएम का तबादला, नई जगह कार्यभार संभालने से पहले आदेशों को रद्द करने के लिए सौंपा ज्ञापन

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करसोग। करसोग में बेलगाम हो रहे खनन माफिया पर शिकंजा कसने वाले तेजतरार अधिकारी का तबादला हो गया है। यहां  फिरनु में एसडीएम सन्नी शर्मा ने मोर्चा संभालते हुए इसी साल जनवरी माह में चोरी छिपे रेत और बजरी ले जाने के सभी रास्तों को बंद कर दिया था। जिसके बाद प्रशासन काफी हद तक अवेध खनन पर शिकंजा कसने में कामयाब रहा, ये अभियान अभी भी जारी है, लेकिन इस बीच एसडीएम का तबादला हो गया है। जिस पर आम जनता ने भी हैरानी जताई है। हालाकि नई जगह पर कार्यभार संभालने से पहले तबादला आदेशों को रोकने के लिए समाज सेवियों ने शुक्रवार को नायब तहसीदार के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी सौंपा है। जिसमें तबादला आदेशों को रद्द किए जाने का आग्रह किया गया है। बता दें कि करसोग मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर फिरनु में जिन जगहों से खनन माफिया रेत और बजरी बेच कर चांदी कूट रहे हैं। एसडीएम ने अधिकारियों की टीम को साथ ले जाकर चोरी के सभी रास्तों को जेसीबी से कटवा कर कांटेदार तारों से फेंसिंग करवा कर बंद कर दिया था। ये पहली बार था कि एसडीएम ने खुद फील्ड में उतर कर खनन माफिया की घेराबंदी की हो। लगातार प्राप्त हो रही शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए एसडीएम इस साल जनवरी में दो बार  निरीक्षण पर फिरनु पहुंच थे। इस दौरान प्रशासन ने लोगों से मिल रही शिकायतों को सही पाया था। यही नहीं तबादला आदेश मिलने के बाद भी एसडीएम अधिकारियों की टीम के साथ 11 मई को स्पॉट पर पहुंचे थे। हालाकि इस दौरान पाया गया कि पूर्व में जारी आदेशों की सही तरह से अनुपालना हो रही है। जिस पर अधिकारियों को भविष्य में भी अवेध खनन को रोकने के लिए सतर्क रहने के निर्देश जारी किए। इसके अतिरिक्त एसडीएम ने बदहाल शिक्षा के मंदिरों की हालत सुधारने के लिए भी कड़े कदम उठाए। जिसका उदाहरण राजकीय प्राथमिक पाठशाला सरकोल है। जहां करीब दो सालों से नौनिहाल खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर थे। स्थानीय जनता के आग्रह पर एसडीएम खुद स्कूल के निरीक्षण पर सरकोल पहुंचे थे और भवन निर्माण के आदेश जारी किए थे। इसके लिए बजट का भी प्रावधान किया। इसी का नतीजा था कि भवन का कार्य तय समय में पूरा हुआ और छात्रों को छत नसीब हुई। इसके अतिरिक्त प्राथमिक पाठशाला पोखी, प्राथमिक पाठशाला बथरेवी व प्राथमिक पाठशाला भवनाला में भी भवन निर्माण के लिए बजट का प्रावधान करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। इस तरह एसडीएम ने अपनी कार्यशैली से बहुत ही कम समय में लोगों के बीच अपनी छाप छोड़ी है। ऐसे में अचानक हुई तबादले से आम जनता भी हैरान है।

समाज सेवी उत्तम चंद चौहान का कहना है कि एसडीएम ने अपने करीब 10 माह के कार्यकाल में ही बेहतरीन निर्णय लेकर लोगों के दिलों में जगह बना थी। ऐसे में अचानक तबादला किया जाना दुर्भाग्य पूर्ण है। उन्होंने कहा कि जनभावना को देखते हुए एसडीएम के तबादला आदेश को रद्द किया जाना चाहिए। इसको लेकर नायब तहसीदार के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा गया है। जिसमें सरकार से जनहित में तबादला आदेश रद्द किए जाने का आग्रह किया गया है।

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